बालोतरा जिले के जसोल कस्बे में माता रानी भटियानी जी के प्रसिद्ध मंदिर में शुक्रवार को आस्था, श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला। देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब जसोलधाम में उमड़ पड़ा। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु, खासकर पैदल यात्री, मां माजीसा के दर्शन के लिए नाचते गाते हुए जसोल पहुंचे। माताजी के दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें लगी नजर आई।
बता दें कि विगत तकरीबन 300 वर्षों से जसोलधाम में राणी भटियाणी के ऐतिहासिक मेला का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को जसोलधाम में भाद्रपद त्रयोदशी पर वार्षिक मेले का आयोजन किया गया। इस मौके दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं ने माता रानी भटियाणी, रावल कल्याणसिंह जी, बायोसा, सवाई सिंह जी, लाल बन्नासा, शखेतलाजी और भेरूजी के मंदिरों में दर्शन पूजन कर परिवार में खुशहाली की मंगल कामनाएं की। हजारों श्रद्धालुओं के उमड़ने पर मंदिर मुख्य द्वार-प्रवेश मार्ग तक लंबी कतारें नजर आईं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक मुख्य प्रवेश द्वार से बाहर तक कतारों में बड़ी त्रयोदशी पर मां की एक झलक पाने के लिए आतुर नजर आए। अलसुबह से लेकर देर शाम तक अनवरत जारी रहा। बालोतरा, बाड़मेर सहित अलग-अलग क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु पैदल जत्थों के रूप में मां माजीसा के जयकारे लगाते, भजन गाते और नृत्य करते हुए मंदिर पहुंचे।
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भाद्रपद त्रयोदशी के दिन माजीसा की प्रतिमा का विशेष शृंगार और पूजन किया गया। पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया। मेले को लेकर श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल की ओर से श्रद्धालुओं के लिए छाया, पानी, चिकित्सा व सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। इस अवसर पर मंदिर में ढोल धमाकों व नगाड़ों के साथ महाआरती की गई। मंदिर संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल ने कहा कि भादवे की तेरस पर जसोलधाम में श्री राणीसा भटियाणीसा का ऐतिहासिक मेला विगत तकरीबन 300 वर्षों से आयोजित होता हुआ आ रहा है। उन्होंने कहा कि जसोलधाम आज लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा, आस्था और अटूट विश्वास का प्रमुख धार्मिक केंद्र बन चुका है। प्रति वर्ष भक्तों की संख्या में वृद्धि उनकी आस्था की गहराई को दर्शाती है।