दीपावली से पहले ही आने वाला पुष्य नक्षत्र आज से शुरू हो गया है। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है और यह धन, यश व वैभव का प्रतीक है इसलिए पुष्य नक्षत्र में शुभ कामों की शुरुआत ओर खरीदारी करने की परंपरा चली आ रही है।
दीपावली के अवसर पर खरीदारी और निवेश के लिए लोगों को पुष्य नक्षत्र का बेसब्री से इंतजार रहता है। पंडित संतोष शर्मा के अनुसार यह 27 नक्षत्रों में 8वें स्थान पर आता है और शुभ कार्य, निवेश, सोना-चांदी, वाहन और संपत्ति की खरीदारी के लिए अत्यंत लाभकारी है।
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पंचांग के अनुसार यह मंगलवार दोपहर 11:54 बजे से शुरू होकर बुधवार 15 अक्टूबर दोपहर 11:59 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य पुण्यदायी और फलदायी माने जाते हैं। इस दौरान लंबे समय तक चलने वाले स्थायी कार्य करना उत्तम रहता है। निवेश, सोना-चांदी, संपत्ति, वाहन की खरीदारी, बहीखाता नवीनीकरण और दिवाली की खरीदी के लिए यह अत्यंत लाभकारी समय है।
पुष्य नक्षत्र में निवेश और खरीदारी के लाभकारी विकल्प:
अचल संपत्ति: मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि, व्यावसायिक संपत्ति
चल संपत्ति: सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण
ऑटोमोबाइल: बाइक और कार
इलेक्ट्रॉनिक सामान: फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप आदि
पुष्य नक्षत्र एवं धनतेरस को सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दौरान किए गए निवेश और खरीदारी से स्थायी लाभ की संभावना रहती है।