बाड़मेर जिले के सांजटा गांव में रविवार को निर्माणाधीन इमारत की आरसीसी छत भरते समय करंट लगने से दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद मृतकों के परिजन और ग्रामीणों ने बाड़मेर जिला अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना शुरू कर दिया, जो करीब 30 घंटे तक जारी रहा।
जानकारी के मुताबिक, घटना उस समय हुई जब तीन मजदूर पास से गुजर रही 11 केवी की विद्युत लाइन की चपेट में आ गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन निंबलकोट निवासी श्रवण कुमार (30) और उसके चचेरा भाई कमलेश (20) ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। तीसरे युवक का उपचार अभी जारी है।
प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने मौके पर की वार्ता
धरना सोमवार दोपहर तक जारी रहा, जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत और एएसपी जस्साराम बॉस ने मोर्चरी के बाहर पहुंचकर मृतक परिजनों से वार्ता की। उन्होंने सरकारी आर्थिक सहायता और न्यायपूर्ण कार्रवाई का आश्वासन दिया। लगातार वार्ताओं के बाद देर शाम समझौता हो गया, और प्रशासन द्वारा सहमति बनने के बाद दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद सोमवार शाम शव परिजनों को सुपुर्द किए गए।
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प्रशासन ने दिलाया सहायता और कार्रवाई का भरोसा
एएसपी जस्साराम बॉस ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है। मृतक परिजनों की ओर से रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और कानूनी कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है, जिसमें एक परिवार ने अपने दो सदस्यों को खो दिया है। वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत ने बताया कि पीड़ित परिवार को नियमानुसार सरकारी आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है। परिजनों के दुख में प्रशासन पूरी तरह उनके साथ है।
सामाजिक सहयोग से टूटा गतिरोध
धरने के दौरान समाज के कई लोग और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अस्पताल पहुंचे और परिजनों को शांत करवाने का प्रयास किया। अंततः प्रशासन, पुलिस और समाज के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत से मामला सुलझा। पोस्टमार्टम के बाद शव गांव भेजे गए, जहां मंगलवार को अंतिम संस्कार किए जाने की संभावना है।
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