{"_id":"67d92dfadd8c61a7c70bc8d4","slug":"fuldol-mahotsav-in-shahpura-bhilwara-news-c-1-1-noi1345-2736731-2025-03-18","type":"video","status":"publish","title_hn":"Bhilwara News: फूलडोल महोत्सव को लेकर पांचवी शोभायात्रा धूमधाम से निकली, देशभर से श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bhilwara News: फूलडोल महोत्सव को लेकर पांचवी शोभायात्रा धूमधाम से निकली, देशभर से श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा Published by: भीलवाड़ा ब्यूरो Updated Tue, 18 Mar 2025 02:09 PM IST
शाहपुरा स्थित रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ पर चल रहे फूलडोल महोत्सव का समापन बुधवार, 19 मार्च को होगा। संप्रदाय की परंपरा के अनुसार मंगलवार को महोत्सव की पांचवीं शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। पूरे महोत्सव के दौरान देशभर से हजारों श्रद्धालु शाहपुरा पहुंचे, जहां उन्होंने पीठाधीश्वर से आशीर्वाद लिया, स्तंभजी के दर्शन किए और संतों के प्रवचनों का लाभ उठाया।
शोभायात्रा सदर बाजार, कुंड गेट, बस स्टैंड होते हुए रामनिवास धाम पहुंची, जहां यह धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। बारादरी में चढ़ावा चढ़ाया गया और भक्तों ने जगतगुरु आचार्य श्री रामदयालजी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। जैसे ही शोभायात्रा रामशाला के प्रवेश द्वार पर पहुंची, श्रद्धालुओं ने जयकारों और पुष्पवर्षा से स्वागत किया। बारादरी में पहुंचने पर अणभैवाणी का गोटकाजी आचार्यश्री को समर्पित किया गया।
चार्तुमास अर्जियों का वाचन संपन्न
महोत्सव के दौरान रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्यश्री रामदयालजी महाराज के आगामी चातुर्मास के लिए अर्जियों का वाचन किया गया। अब तक चित्तौड़गढ़, कैथून, जयपुर, कैकड़ी, पुष्कर, भीलवाड़ा और गढ़बोर चारभुजा से आई अर्जियों का वाचन हो चुका है।
विशेष पंगत का आयोजन, भक्तों ने लिया प्रसाद
महासभा के दौरान विशेष पंगत का आयोजन किया गया, जिसमें संतों और भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। प्रवचन के तुरंत बाद आचार्यश्री स्वयं विशेष पंगत की शुरुआत कराते हैं, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति होती है। बुधवार को होने वाले समापन समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है। इससे यह धार्मिक उत्सव अपने चरम पर पहुंचेगा।
आचार्यश्री का संदेश
प्रवचन के दौरान आचार्यश्री रामदयालजी महाराज ने कहा कि रंगपंचमी के दिन अभिजीत मुहूर्त में महाप्रभु रामचरण महाराज के आशीर्वाद से चातुर्मास स्थल की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा, "भारत की भूमि आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रही है। महाप्रभु रामचरणजी महाराज ने सत्यमार्ग के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और उनका जीवन आज भी प्रेरणास्रोत बना हुआ है।" रामस्नेही संप्रदाय पिछले तीन शताब्दियों से समाज और राष्ट्र सेवा में समर्पित है। मानव सेवा, बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य और धर्मसेवा के क्षेत्र में इसका योगदान अतुलनीय है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।