भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय जयपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस पर वंदे मातरम गीत का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम गीत भारतीय राष्ट्रभावना की आत्मा है, किंतु कांग्रेस ने इसे अपनी राजनीतिक सुविधा के अनुरूप काट-छांट कर राष्ट्र की चेतना पर प्रहार किया।
तिवाड़ी ने दावा किया कि कांग्रेस आज वंदे मातरम को अपनी विरासत बताती है, जबकि उसकी वास्तविक राजनीतिक विरासत भारत का विभाजन और तुष्टिकरण की नीति रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मुसलमानों के तुष्टिकरण हेतु गीत के धार्मिक स्वरूप का मुद्दा उठाकर इसके कई अंश हटवा दिए।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम गीत 7 नवंबर 1875 को बंग दर्शन पत्रिका में बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा प्रकाशित हुआ। रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने इसे 1896 में पहली बार सार्वजनिक रूप से गाया और 1905 में बंग-भंग आंदोलन के दौरान यह राष्ट्रीय आंदोलन की आवाज बन गया। तिवाड़ी ने कहा कि 1937 में मौलाना मोहम्मद अली और शौकत अली ने कांग्रेस अधिवेशन में इसका विरोध करते हुए गीत गाने वाले वक्ता को रोक दिया और बहिष्कार का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मां दुर्गा, कमला और सरस्वती के उल्लेख को धर्म से जोड़कर गीत को काटने का कार्य किया, जबकि स्वतंत्रता संग्राम में अनेक मुस्लिम क्रांतिकारियों ने भी वंदे मातरम का गायन किया था।
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तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 1914 में मुस्लिम लीग से समझौता कर भारत विभाजन की नींव रखी और 1937 में वंदे मातरम में हस्तक्षेप कर राष्ट्र की आत्मा को आहत किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बंकिमचंद्र चटर्जी, रवीन्द्रनाथ टैगोर और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की भावनाओं का भी अपमान किया। उन्होंने 1976 में 42वें संविधान संशोधन के जरिए प्रस्तावना में परिवर्तन को कांग्रेस की वैचारिक थोपन की कोशिश बताया।
तिवाड़ी ने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव को सशक्त करने का कार्य कर रही है। उनके अनुसार, वंदे मातरम और जन गण मन दोनों राष्ट्र के सम्मान और भावनाओं की धुरी हैं। प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक भी मौजूद रहे।
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