जयपुर में एसओजी ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर तीन आरोपी बंशीलाल उर्फ प्रिंस सैनी, ममता भाटी और दिनेश बागड़ी को गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस एवं एसओजी, वी. के. सिंह ने जानकारी दी कि आरोपियों पर कई कंपनियां खोलकर निवेशकों को झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप है।
ट्रोनैक्स वर्ल्ड से शुरू हुआ खेल
जांच में सामने आया कि प्रारंभ में प्रिंस सैनी ने ट्रोनैक्स वर्ल्ड नामक आईटी कंपनी स्थापित की और 54 लोगों से 12-12 हजार रुपये लेकर कुल करीब 6.48 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद कंपनी बंद कर दी गई।
आरोपियों ने ग्रो मोर एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से ऑनलाइन कोचिंग का बहाना बनाया। फिर 2200 छात्रों से प्रति छात्र 3,000 रुपये वार्षिक शुल्क लेकर करीब 66 लाख रुपये जमा कर लिए। बाद में इस कंपनी को भी बंद कर दिया गया।
हारवेस्ट एआई टेक्नोलॉजी से भी निवेशकों को झांसा
इसके बाद आरोपियों ने हारवेस्ट एआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलकर लगभग 250 लोगों से 6-6 लाख रुपये जमा करवाए। उन्हें यह झांसा दिया गया कि 15 अक्तूबर को प्रत्येक निवेशक को स्कॉर्पियो कार दी जाएगी। लेकिन जांच में कंपनी के खातों में महज 5 लाख रुपये पाए गए। आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट और झूठे दावे किए कि कंपनी के 2 लाख संतुष्ट ग्राहक हैं और विदेशी मैनेजर भी नियुक्त हैं।
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सोशल मीडिया और टोकन की धोखाधड़ी
अभियान के दौरान आरोपियों ने सोशल मीडिया पर प्रचार कर निवेशकों को बाइनेंस एक्सचेंज में कंपनी के टोकन लिस्टेड होने का झांसा दिया। उन्होंने 50 करोड़ टोकन जारी कर प्रति टोकन की कीमत 200 रुपये बताई और केवल 40 लोगों से 3 करोड़ रुपये हड़प लिए।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने निवेशकों को मोटरसाइकिल-स्कूटी इनाम, दैनिक लक्की ड्रॉ और 11 माह बाद परिपक्वता राशि लौटाने का झूठा लालच दिया। वास्तव में किसी भी कंपनी ने कोई व्यवसायिक गतिविधि नहीं की। जमा धनराशि का इस्तेमाल विलासिता, आयोजनों और प्रचार में किया गया।
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कानूनी कार्रवाई और आगे की तलाश
एसओजी ने मामले में प्रकरण संख्या 45/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता 2023 की विभिन्न धाराओं और अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम 2019 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।