आरटीई (निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार) अधिनियम के तहत चयनित विद्यार्थियों का दाखिला छह माह बाद भी लंबित रहने से नाराज अभिभावकों ने विजयदशमी के अवसर पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। संयुक्त अभिभावक संघ के आह्वान पर गुरुवार को बड़ी संख्या में अभिभावक शिक्षा संकुल, जेएलएन मार्ग, जयपुर पर एकत्र हुए और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का पुतला दहन किया।
प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, पं. लोकेश शर्मा, इमरान कुरैशी, शुभम गुर्जर, रवि खंडेलवाल और विवेक जैन सहित बड़ी संख्या में अभिभावक शामिल हुए। अभिभावकों का कहना था कि 9 अप्रैल 2025 को लॉटरी प्रक्रिया के तहत हजारों गरीब और जरूरतमंद बच्चों का चयन हुआ था, लेकिन छह माह बीतने के बावजूद निजी विद्यालयों में उनका दाखिला सुनिश्चित नहीं किया गया। इसके कारण बच्चे शिक्षा से वंचित हैं और अभिभावक लगातार शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने पुतले पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी लिखी: "मैं भी रावण हूं, क्योंकि 6 महीने पहले मैंने आरटीई लॉटरी निकाली थी, लेकिन आज तक बच्चों का दाखिला नहीं करवा पाया। मैं गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा देने का विरोधी हूं, इसीलिए निजी स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हूं।"
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग ने शिकायतों के आधार पर केवल औपचारिक कार्रवाई की है। पिछले तीन महीनों में निजी स्कूलों को आठ नोटिस और सितंबर में 46 स्कूलों को अंतिम चेतावनी जारी की गई, लेकिन न तो किसी स्कूल की मान्यता रद्द की गई और न ही चयनित विद्यार्थियों का दाखिला कराया गया। उन्होंने कहा कि विभाग की इस लापरवाही ने हजारों बच्चों का भविष्य अधर में डाल दिया है।
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प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही चयनित सभी विद्यार्थियों का दाखिला सुनिश्चित नहीं हुआ, तो अगला विरोध प्रदर्शन शिक्षा मंत्री के सरकारी आवास के बाहर आयोजित किया जाएगा। संघ ने स्पष्ट किया कि यह विरोध गांधी जयंती के अवसर पर पूरी तरह अहिंसात्मक तरीके से किया गया। अभिभावकों ने सरकार से अपील की कि वह शिक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर त्वरित और ठोस कदम उठाए, ताकि गरीब बच्चों का शैक्षणिक अधिकार सुरक्षित रहे और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिल सके।