जिले के बागोड़ा थाना क्षेत्र में प्रेम प्रसंग और पारिवारिक विवाद के चलते एक महिला ने अपने प्रेमी और पति के साथ मिलकर अपने जेठ की हत्या कर दी। हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फंदे पर लटकाया गया और बिना पुलिस सूचना के दफना दिया गया। घटना का खुलासा हत्या के दस दिन बाद शव को कब्र से निकालकर किए गए पोस्टमार्टम से हुआ। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार 23 मई को मृतक नरसीराम के भतीजे डूंगराराम की सगाई के दौरान उसका अपने छोटे भाई दुदाराम से झगड़ा हो गया था। इसके बाद घर में भी विवाद बढ़ा। नरसीराम और उसकी पत्नी माफीदेवी ने दुदाराम की पत्नी केलीदेवी और उसके प्रेमी रणजीत सिंह के अवैध संबंधों की जानकारी समाज में उजागर करने की चेतावनी दी थी। इसी बदनामी से बचने के लिए तीनों ने मिलकर नरसीराम की हत्या की साजिश रची।
योजना के अनुसार 25 मई की रात केलीदेवी ने पहले माफीदेवी का मुंह दबाकर उसे चिल्लाने से रोका। इसके बाद रणजीत सिंह ने नरसीराम का मुंह दबाया और दुदाराम ने कुल्हाड़ी से वार कर दिया। रणजीत ने भी लाठी से हमला किया, जिससे मौके पर ही नरसीराम की मौत हो गई। बाद में तीनों ने शव को फंदे पर लटकाकर आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया और बिना पुलिस को सूचना दिए शव को दफना दिया।
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मामले में संदेह बढ़ने पर पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव के निर्देशन में विशेष जांच टीम गठित की गई। जांच में कई बिंदु संदिग्ध पाए गए। जिला कलेक्टर के आदेश पर उपखंड मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव को कब्र से निकाला गया और मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि नरसीराम की हत्या की गई थी।
चश्मदीद गवाह माफीदेवी के बयान भारतीय न्याय संहिता की धारा 183 बीएनएसएस के तहत न्यायालय में दर्ज किए गए। गवाहों और भौतिक साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों दुदाराम, केलीदेवी और रणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इस गंभीर प्रकरण की तह तक पहुंचने में बागोड़ा थानाधिकारी हुकमाराम और उनकी टीम ने अहम भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक की ओर से इस सफल अन्वेषण के लिए टीम की सराहना की गई है।