चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शनिवार को जोधपुर सर्किट हाउस में खांसी की दवा सेवन से हुई मौतों के सवाल पर साफ किया कि सरकार की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जांच में अब तक दवा में कोई जानलेवा तत्व नहीं पाया गया है।
मंत्री खींवसर ने बताया कि इस माह करीब 1 लाख 33 हजार लोगों ने उक्त दवा का सेवन किया, लेकिन ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, जिसमें डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा के सेवन से किसी की मौत हुई हो। उन्होंने कहा कि दवा की चार स्तर पर जांच हो चुकी है। पहली बार निर्माण के दौरान, दूसरी बार खरीद के समय, तीसरी बार हादसे के बाद और चौथी बार पुनः विस्तृत जांच।
मंत्री ने कहा कि दवा में जानलेवा तत्व नहीं मिला और जैसे ही पहली मौत का मामला सामने आया, सरकार ने तुरंत दवा को वापस (विथड्रॉ) ले लिया। केंद्र सरकार द्वारा जिस फार्मूले पर बैन लगाया गया है, उस पर मंत्री ने कहा कि यदि कोई अन्य ब्रांड उसी फार्मूले से बनी दवा बेच रहा है तो उसकी जांच होगी। मंत्री ने यह भी कहा कि आगे सर्दी-जुकाम और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है, इसलिए सरकार ने नई पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दी जाने वाली बोतल पर चेतावनी अंकित की जाएगी।
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एसओजी जांच पर हनुमान बेनीवाल के बयान को लेकर मंत्री ने कहा कि वे तो हर प्रकरण की एसओजी से जांच की मांग करते हैं, लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री ने पहले ही निर्देश दिए हैं कि पूरी सूक्ष्मता और निष्पक्षता से जांच हो। ड्रग कंट्रोलर राजाराम को एपीओ करने के मामले को लेकर कहा कि इस केस से कोई लिंक नहीं है, उसका मामला अलग है, ऐसा भी मंत्री ने स्पष्ट किया। मंत्री खींवसर ने कहा कि सरकार पारदर्शिता और गंभीरता से काम कर रही है और यदि कहीं भी गड़बड़ी पाई गई तो कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं बच्चे की आंखे निकालने के सवाल पर जवाब दिए बगैर ही मंत्री खींवसर सर्किट हाउस से रवाना हो गए।