राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को जोधपुर प्रवास के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला। हस्तशिल्प उत्सव के उद्घाटन और एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघ दी थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि अरावली की पहाड़ियों से लेकर जल जीवन मिशन में नलों की टोंटियों तक भ्रष्टाचार किया गया, जिसका अब वर्तमान सरकार पाई-पाई का हिसाब लेगी।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने कुछ भी नहीं छोड़ा। बजरी माफियाओं को संरक्षण दिया गया और जनता की गाढ़ी कमाई को लूटा गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि लूट-खसोट करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पेपर लीक और तुष्टीकरण के मुद्दों पर भी विपक्ष को जमकर घेरा।
जनसेवा के संकल्प के तहत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी के विकास कोष से 41 दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की। समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूटी पाकर लाभार्थियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में मुख्यमंत्री ने कमला नेहरू नगर स्थित राजकीय अस्पताल के लिए दो नई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और उद्योग राज्य मंत्री के.के. बिश्नोई सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री ने लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित 10 दिवसीय ‘हस्तशिल्प उत्सव’ का भी भव्य शुभारंभ किया। इस वर्ष मेले की थीम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखी गई है, जिसमें हिमालय की चोटियों पर भारतीय सेना के पराक्रम और राफेल व सुखोई विमानों का सजीव प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
हस्तशिल्प उत्सव की प्रमुख विशेषताओं में शहीदों को सम्मान देते हुए 51 वीर चक्र विजेताओं की स्मृति में 31 पंडालों का नामकरण किया गया है। ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 100 अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। वहीं, युवाओं के कौशल विकास और रोजगार को ध्यान में रखते हुए निशुल्क कार्यशालाओं और रोजगार संबंधी विशेष स्टॉल्स की भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विश्वास जताया कि यह मंच लघु उद्योगों और हस्तशिल्पकारों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा और पश्चिमी राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा।