रेलवे ने जोधपुर-उदयपुर रेल कनेक्टिविटी को लेकर एक बार फिर नए स्तर पर काम शुरू कर दिया है। लंबे समय से लंबित मारवाड़ जंक्शन से नाथद्वारा के बीच पुराने मीटर गेज रूट को अब ब्रॉड गेज में बदलने के लिए सर्वे प्रारंभ कर दिया गया है। इससे पहले पहाड़ी क्षेत्र (हिली टेरेन) और वन विभाग की आपत्तियों के चलते इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, लेकिन अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के हस्तक्षेप के बाद इसे दोबारा गति मिली है। इस लाइन के जुड़ने से जोधपुर और उदयपुर के बीच की दूरी कम होगी और पर्यटन व व्यापार को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) के महाप्रबंधक अमिताभ ने शनिवार को जोधपुर दौरे के दौरान ‘विजन 2030’ का रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने अगले पांच वर्षों में देश के 48 प्रमुख स्टेशनों की संचालन क्षमता दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें जयपुर के साथ जोधपुर भी शामिल है।
जोधपुर को मिलेगा रेलवे बाईपास, मालगाड़ियों से मिलेगी राहत
महाप्रबंधक ने स्वीकार किया कि वर्तमान में भगत की कोठी–जोधपुर रूट से गुजरने वाली मालगाड़ियों के कारण यात्री ट्रेनों को सिग्नल पर रुकना पड़ता है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए जोधपुर को बाईपास करने वाली नई रेल लाइन की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल इसके अलाइनमेंट और तकनीकी पहलुओं पर अध्ययन चल रहा है। बाईपास लाइन बनने के बाद मालगाड़ियां शहर के मुख्य स्टेशन में प्रवेश किए बिना बाहर से ही निकल जाएंगी, जिससे यात्री ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी।
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भगत की कोठी में 450 करोड़ का कोचिंग टर्मिनल
जोधपुर से नई ट्रेनों के संचालन में सबसे बड़ी बाधा रखरखाव सुविधाओं की कमी रही है। इसे दूर करने के लिए भगत की कोठी में करीब 400 से 450 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक कोचिंग टर्मिनल बनाया जाएगा। यह टर्मिनल ट्रेनों की पार्किंग के साथ-साथ मेंटेनेंस, स्टेबलिंग और ऑपरेशन का केंद्र होगा। इसके बाद जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों से दक्षिण भारत और अन्य रूटों के लिए नई ट्रेनें शुरू की जा सकेंगी।
देश का पहला वंदे भारत हब
भगत की कोठी में बन रहा वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो देश का पहला वर्ल्ड क्लास ट्रेन सेट डिपो होगा। पहले चरण में 220 करोड़ और दूसरे चरण में 250 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस डिपो में भविष्य की स्लीपर वंदे भारत और नई पीढ़ी की ट्रेनों का रखरखाव होगा।
स्टेशन क्षमता होगी दोगुनी
‘विजन 2030’ के तहत जोधपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 7 और जोधपुर–भगत की कोठी के बीच तीसरी लाइन का निर्माण किया जाएगा, जिससे स्टेशन की क्षमता 100 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। राए में बढ़ोतरी पर महाप्रबंधक ने कहा कि इसे बोझ नहीं, बल्कि बेहतर सुविधाओं और सुरक्षित यात्रा के लिए आवश्यक सुधार के रूप में देखा जाना चाहिए।