फ्रंटियर मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल, जोधपुर में महानिरीक्षक एम.एल. गर्ग ने प्रेस वार्ता कर ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के योगदान और सीमा पर तैनात जवानों की सतर्कता व शौर्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहलगाम क्षेत्र में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया, जिसमें बीएसएफ ने बहादुरी से हिस्सा लिया।
गर्ग ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान की ओर से राजस्थान के सीमावर्ती जिलों, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में ड्रोन और मिसाइलों के माध्यम से लगातार गतिविधियां की गईं। पाकिस्तान ने इन हमलों में चाइनीज मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया, जिन्हें बीएसएफ ने सेना और वायुसेना के साथ समन्वय कर मार गिराया। उन्होंने कहा कि हमारी एयरस्पेस की सुरक्षा को चुनौती देने वाले इन प्रयासों को पूरी तरह विफल किया गया।
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आईजी गर्ग के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान करीब 413 ड्रोन हमलों को नाकाम किया गया। बीएसएफ ने भारतीय सेना, वायु सेना और राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर मजबूत तालमेल बनाया और खुफिया जानकारियों का त्वरित व सटीक आदान-प्रदान सुनिश्चित किया। इस समन्वय के चलते दुश्मन के मंसूबों को नाकाम कर दिया गया।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि बीएसएफ देश की प्रथम रक्षा पंक्ति है और हम हर चुनौती का सामना दुश्मन की आंखों में आंखें डालकर करते हैं। हमारी प्राथमिकता देश की सीमाओं की सुरक्षा है और इसके लिए हम अपनी जान की परवाह किए बिना हर संभव बलिदान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत की सरहद को कोई छू नहीं सकता, क्योंकि इसकी निगहबानी हमारी चौकस निगाहें करती हैं।
इस प्रेस वार्ता में बीएसएफ की संचालन क्षमता, खुफिया समन्वय और तकनीकी दक्षता का प्रभावी प्रदर्शन देखने को मिला, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सीमा सुरक्षा बल किसी भी परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम और प्रतिबद्ध है।