राजनीति में चाहे जितना भी मतभेद हो, व्यक्तिगत सुख-दुख के अवसर पर रिश्तों की गरिमा और परंपराएं अपनी जगह बनाए रखती हैं। इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फोन कर पौत्र रत्न की प्राप्ति पर दिल से बधाई दी।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने मारवाड़ी अंदाज में फोन पर गहलोत से कहा "हा हुकम, गजेंद्र सिंह अरज करूं। नमस्कार...पौत्र रत्न प्राप्ति री आपको खूब सारी बधाई हुकम। घणे मान बधाई आपको, भाभीसा ने, वैभवजी ने, हिमानीजी ने, पूरे परिवार ने मारी तरफ सूं।"
इसके बाद गजेंद्र सिंह ने यह भी कहा 'भारतीय जनता पार्टी परिवार की तरफ से भी आपको हार्दिक बधाई। आज पार्टी का स्थापना दिवस है, मैं ऑफिस में ही बैठा हूं। आप लड्डू खिलाओ, मैं बड़े आराम सूं जिमा हाजिर होवूं। ठीक है हुकम, थैंक यू हुकम।'
इस संवाद में राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि मानवीय और सांस्कृतिक पक्ष उभर कर सामने आया। बता दें कि अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत हाल ही में दूसरी बार पिता बने हैं। उनके परिवार में बेटे का जन्म हुआ है।
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गौरतलब है कि गजेंद्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा जगजाहिर है। शेखावत ने लोकसभा चुनाव में वैभव गहलोत को हराया था और दोनों नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी भी होती रही है। लेकिन इस मौके पर गजेंद्र सिंह शेखावत की यह शालीनता और परंपराओं के प्रति सम्मान यह बताता है कि राजनीतिक मतभेद व्यक्तिगत रिश्तों को प्रभावित नहीं करते। यह संवाद राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक सौहार्द और आपसी सम्मान की मिसाल पेश करता है।