राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर में स्कूलों सहित सभी सरकारी भवनों की जर्जर स्थिति को देखते हुए व्यापक सर्वे की तैयारी शुरू कर दी है। यह जानकारी शुक्रवार को जोधपुर प्रवास पर आए कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पुराने भवनों का सर्वे कराने और जरूरत अनुसार उनके नवीनीकरण व मरम्मत की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। वहीं जो भवन पूरी तरह नाकारा पाए जाएंगे, उन्हें तोड़कर वहां नए भवन बनाए जाएंगे।
पत्रकारों से बातचीत में जोराराम कुमावत ने झालावाड़ के पिपलोद स्कूल हादसे को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि यह एक दर्दनाक घटना है। बच्चे पढ़ाई कर रहे थे और अचानक दीवार गिरने से पूरी बिल्डिंग ढह गई। सात मासूमों की जान चली गई और कई घायल हैं, जिनका इलाज जारी है। सरकार हर संभव सहायता कर रही है और समाजसेवी संगठन भी मदद में जुटे हैं।
कुमावत ने कहा कि इस बार प्रदेश में अच्छी बरसात हुई है, लेकिन अधिक बारिश के चलते कई पुराने सरकारी भवनों की स्थिति और खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि जहां पानी भरता है, वहां दीवारें गिरने लगती हैं। छतें भी कमजोर हो जाती हैं। यही कारण है कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। राज्य सरकार ने सभी जिलों में पुराने सरकारी भवनों की स्थिति का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इसके बाद उनके नवीनीकरण, मरम्मत या पुनर्निर्माण का कार्य चरणबद्ध रूप से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दे दिए हैं कि नाकारा बिल्डिंगों को चिन्हित कर नए भवनों का निर्माण किया जाए।
ये भी पढ़ें: School Building Collapse: झालावाड़ में जान गंवाने वाले मासूमों का अंतिम संस्कार, एक ही अर्थी पर सगे भाई-बहन
सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ना चाहिए, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा दिए गए इस बयान पर मंत्री कुमावत ने कहा कि यह व्यक्ति विशेष की स्वतंत्रता है कि वह अपने बच्चों को कहां पढ़ाता है। मेरा मानना है कि सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पढ़ाना चाहिए क्योंकि यहां ट्रेंड और योग्य अध्यापक होते हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों के नए कमरे बनाए जा रहे हैं और मरम्मत का कार्य भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बजट में भी पुराने भवनों की मरम्मत और नए कमरों के निर्माण की घोषणा की है। इन प्रस्तावों को तैयार कर फाइनेंस विभाग को भेजा गया है और स्वीकृति मिलते ही नए निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि झालावाड़ की त्रासदी एक चेतावनी है और सरकार अब प्रदेश भर में सरकारी इमारतों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से काम कर रही है। सर्वे, मरम्मत और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।