राजस्थान में एसआई भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद चयनित अभ्यार्थियों और उनके परिवारों पर गहरा संकट खड़ा हो गया है। शनिवार को हाड़ौती क्षेत्र से चयनित हुए अभ्यार्थी अपने परिजनों के साथ शहीद स्मारक पहुंचे और धरना देकर सरकार से न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश के बाद चयनित उम्मीदवारों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है।
फर्जी अभ्यार्थियों के कारण मेहनती उम्मीदवारों पर सवाल
परिवारजन और अभ्यार्थियों का कहना है कि कुछ फर्जी अभ्यार्थियों की वजह से उन युवाओं की मेहनत पर सवाल उठने लगे हैं, जिन्होंने पूरी ईमानदारी से परीक्षा की तैयारी की और चयनित हुए। उनका कहना है कि वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद जब चयन हुआ और ट्रेनिंग पूरी कर नौकरी शुरू की, तभी कोर्ट के फैसले ने सब कुछ छीन लिया। इससे उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटक गया है।
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चार साल पीछे धकेल दिया कोर्ट के आदेश ने
चयनित अभ्यार्थियों ने बताया कि इस फैसले ने उन्हें एक झटके में चार साल पीछे धकेल दिया है। कई अभ्यार्थियों ने अन्य नौकरियां छोड़कर इस भर्ती की तैयारी की थी और चयनित भी हो गए। लेकिन अब उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है और परिवार रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि एक आदेश ने उनकी उम्मीदों और हिम्मत को तोड़कर रख दिया है।
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‘कांग्रेस शासन में हुई थी भर्ती, अब न्याय की आस’
चयनित अभ्यार्थियों ने कहा कि राजस्थान में 750 कैंडिडेट गहलोत शासनकाल में सब-इंस्पेक्टर के रूप में चयनित हुए थे, जिनमें से 61 हाड़ौती संभाग से हैं। सिर्फ कोटा जिले से ही छह अभ्यार्थी चयनित हुए थे। अभ्यार्थियों का कहना है कि चंद लोगों की गलती की सजा निर्दोष 750 उम्मीदवारों को नहीं दी जानी चाहिए। अब सभी को सिर्फ सरकार और कोर्ट से ही उम्मीद है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए।