राजस्थान के खैरथल जिले से मानवता को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। सिवाना गांव में क्रेन की टक्कर से जान गंवाने वाले 76 वर्षीय बाबूलाल जाटव के शव को पुलिस ने सम्मानपूर्वक अस्पताल पहुंचाने के बजाय बाइकनुमा ‘जुगाड़ रेहड़ी’ में डालकर ले जाया। यह दृश्य न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि समाज में मरती संवेदनाओं को भी उजागर करता है।
जानकारी के अनुसार, सिवाना गांव में क्रेन की चपेट में आने से बाबूलाल जाटव की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर खैरथल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर पुलिस की सरकारी जिप मौजूद होने के बावजूद शव को उसमें नहीं रखा गया। पुलिस ने शव को खुले में एक जुगाड़ रेहड़ी में डालकर करीब चार किलोमीटर दूर खैरथल जिला अस्पताल भिजवाया।
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खुले रास्तों और भीड़भाड़ वाले इलाकों से शव ले जाने की इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि कानून के अनुसार शव को एम्बुलेंस या शव वाहन से अस्पताल पहुंचाना अनिवार्य है, ताकि मृतक को भी गरिमा मिल सके। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी की गई।
ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि क्या एक इंसान के शव की गरिमा से ज्यादा पुलिस वाहन की साफ-सफाई की चिंता थी। यह घटना पुलिस की लापरवाही और संवेदनहीनता का उदाहरण बन गई है। वहीं, मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की जा रही है।