गोटन क्षेत्र के निकटवर्ती गांव टालनपुर में पंचायत की अंगौर, श्मशान भूमि, खेल मैदान और आम रास्तों पर हुए अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर ग्रामीण पिछले सात दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायतें दीं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से वे मजबूर होकर धरने पर बैठे हैं। धरना रविवार को शुरू हुआ था, जो शनिवार को सातवें दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक अतिक्रमण हटाया नहीं जाएगा, धरना समाप्त नहीं होगा।
धरने के दूसरे दिन भू-निरीक्षक राजेन्द्र और पटवारी भंवरलाल मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों से बात कर अतिक्रमण किए गए खसरों का मौका निरीक्षण किया और धरना समाप्त करने की अपील की, लेकिन ग्रामीणों ने मांग पूरी होने तक धरना समाप्त करने से साफ इंकार कर दिया। भू-निरीक्षक ने बताया कि आगे की कार्रवाई के लिए तहसीलदार मेड़ता को अवगत करा दिया गया है।
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धरने पर बैठे ग्रामीणों का आरोप है कि गांव का सरपंच रसूखदार है और अपने राजनीतिक प्रभाव के चलते न सिर्फ खुद पंचायत भूमि पर कब्जा किए बैठा है, बल्कि अन्य कब्जाधारियों को भी संरक्षण दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच परिवार द्वारा भी अंगौर भूमि पर अतिक्रमण करने की बातें सामने आ रही हैं।
धरना स्थल पर बैठे ग्रामीण रामनिवास ने कहा कि हम पिछले सात दिनों से सरकारी अंगौर और गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की माँग को लेकर बैठे हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी हमारी सुध लेने तक नहीं आया है। सरपंच और स्थानीय विधायक भी इस आंदोलन को दबाने में लगे हैं। अगर माँगें नहीं मानी गईं तो हम भूख हड़ताल शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नागौर जिला प्रशासन की होगी। ग्रामीणों ने खेल मैदान की भूमि को भी अतिक्रमण मुक्त कराने की माँग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक पंचायत और सार्वजनिक भूमि पर से अवैध कब्जे नहीं हटाए जाते, धरना और भूख हड़ताल जारी रहेगी।