राजस्थान के अमरनाथ कहे जाने वाले परशुराम महादेव मंदिर के लिए रविवार को राजसमंद जिला मुख्यालय से भव्य कांवड़ यात्रा निकाली गई। ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारों से गूंजते माहौल में यह यात्रा श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, कांकरोली से प्रारंभ हुई। जहां 200 से अधिक कांवड़ियों ने विधिवत जलाभिषेक के बाद भगवान शिव के दर्शन के लिए यात्रा शुरू की।
भक्ति और उत्साह से सराबोर रहा शहर
कांवड़ यात्रा जैसे ही शहर के प्रमुख मार्गों चौपाटी, जल चक्की, आवरी माताजी, किशोरनगर और सदर बाजार से गुजरी, स्थानीय नागरिकों ने फूलों की वर्षा कर यात्रा का भव्य स्वागत किया। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने सेवा शिविर लगाकर जलपान और विश्राम की व्यवस्था भी की। भक्तों के चेहरे पर भक्ति का भाव और उत्साह देखते ही बनता था।
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45 किलोमीटर की पदयात्रा, सोमवार को होगा जलाभिषेक
यह कांवड़ यात्रा जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर परशुराम महादेव तक जाएगी। रात्रि विश्राम केलवाड़ा कस्बे में निर्धारित है, जहां से सोमवार की सुबह सभी कांवड़िए भगवान परशुराम महादेव मंदिर पहुंचेंगे। फिर वहां जलाभिषेक कर देश, समाज और परिवार की सुख-शांति की कामना करेंगे।
चार दशकों से चल रही परंपरा
यह कांवड़ यात्रा पिछले 40 वर्षों से निरंतर हिंदू संगठनों के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है। इस वर्ष भी यात्रा का संयोजन हेमंत गुर्जर और दिनेश पालीवाल के निर्देशन में हुआ। वर्षों पुरानी इस धार्मिक परंपरा का पालन करते हुए कांवड़िए हर वर्ष सावन के इस पावन अवसर पर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं।
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प्रशासन और पुलिस ने संभाली कमान
कावड़ यात्रा के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि पूरे मार्ग पर यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो। यात्रा के संचालन में सहयोग करने के लिए स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं भी सक्रिय रहीं। सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया।