बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 1 जुलाई 2010 के बाद एलएलबी करने वाले और वकील के रूप में पंजीकरण के दो साल के भीतर एआईबीई परीक्षा पास नहीं करने वाले अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है। अब ये वकील राजस्थान की किसी भी अदालत में पैरवी नहीं कर सकेंगे। सीकर जिले में इस फैसले से 656 वकील प्रभावित हुए हैं।
अभिभाषक संघ सीकर के महासचिव नरेश कुमार भूकर ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने सीकर के 656 वकीलों की सूची भेजी है, जिन्हें डी-बार कर दिया गया है। इस सूची को संघ के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया है, जिसमें वकीलों के नाम, एनरोलमेंट नंबर और एलएलबी पासिंग ईयर का उल्लेख है। अब इन वकीलों को एआईबीई परीक्षा पास करनी होगी, तभी वे अदालत में पैरवी कर सकेंगे।
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बार कार्यकारिणी के कुछ सदस्य, जो 10-15 साल से प्रैक्टिस कर रहे थे, भी इस निर्णय की चपेट में आ गए हैं। इनमें से एक अधिवक्ता ने सीकर बार चुनावों में भी भाग लिया था। इस फैसले से वकीलों में असमंजस और चिंता का माहौल है।
बार काउंसिल के निर्देशों के अनुसार यदि वकील दो साल में एआईबीई परीक्षा पास नहीं करते हैं, तो उनका पंजीकरण रद्द माना जाएगा। सीकर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आगामी निर्देशों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।