उदयपुर जिले के कानोड थाना इलाके में हुई चोरी की वारदात का पुलिस ने 48 घंटे में खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कानोड कस्बे के बस स्टैंड की एक दुकान में बदमाशों ने सेंधमारी करते हुए करीब 2.5 लाख रुपये नकद, 150 किलो चांदी के गिरवी जेवरात और 20 तोला सोने के जेवरात चोरी किये थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि वारदात में चार लोग शामिल थे। पुलिस को बस स्टैंड पर एक संदिग्ध मोटरसाइकिल मिली, जिसका एक इंडिकेटर नया था। ऐसे में पुलिस ने जांच करते हुए आसपास ऑटो पार्ट्स की दुकान पर जांच की तो मालूम चला कि यह मोटरसाइकिल लक्ष्मण लाल नाम का व्यक्ति चलाता है। उसका संबंध कुख्यात अपराधी कालूलाल भोई से था।
कालूलाल थाना कानोड का हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ हत्या, लूट और चोरी के कई मामले दर्ज थे। तकनीकी विश्लेषण और निरंतर दबिश के बाद पुलिस ने लक्ष्मण लाल रावत, कालुलाल भोई और किशनलाल मीणा को गिरफ्तार कर लिया।
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चोरी की योजना और वारदात का तरीका
हिस्ट्रीशीटर कालूलाल भोई ने एक साल तक बस स्टैंड स्थित अनुपम इलेक्ट्रिकल्स की रेकी की। उसने पूरे कस्बे के सीसीटीवी कैमरों की निगरानी कर बिना कैमरों वाले मार्ग का नक्शा तैयार किया। अपने गिरोह के सदस्यों लक्ष्मण, किशनलाल और लालुराम के साथ मिलकर उसने 15-16 मार्च की रात 3:15 बजे वारदात को अंजाम दिया। मोटरसाइकिल को दुकान के पास छिपाकर उन्होंने लोहे की सरियों से शटर तोड़ा और अंदर घुसे। तिजोरी का ताला तोड़कर उन्होंने सोने-चांदी के जेवर और नकदी पर हाथ साफ किया। इसी दौरान गश्ती दल के वाहन के गुजरने से वे चोरी का सामान लेकर मोटरसाइकिल छोड़कर पैदल ही भाग निकले। बाद में चोरी किए गए जेवरातों को खेत में गड्ढों में और एक देवरे के नीचे छिपा दिया गया। कालुलाल ने अपने हिस्से का कुछ माल 100 फीट गहरे कुएं में फेंक दिया, जिसे पुलिस कांस्टेबल दशरथ ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला।
गिरोह का मास्टरमाइंड और अपराधी प्रवृत्ति
लक्ष्मण लाल रावत 007 गैंग का सक्रिय सदस्य था और उसके शरीर पर 302 मर्डर और एक जान, 100 दुश्मन जैसे टैटू गुदे हुए थे। पुलिस की मुस्तैदी से इस शातिर गिरोह का भंडाफोड़ हो गया और लाखों के चोरी हुए जेवर बरामद कर लिए गए।