बढ़ते हुए पेट्रोल के दामों और प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए न सिर्फ भारत सरकार बल्कि हर कोई इलेक्ट्रिक वाहन की ओर जाता हुआ दिखाई दे रहा है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन मिडिल क्लास और निम्न वर्ग की पहुंच से दूर दिखाई देते हैं। ऐसे में आगर मालवा के एक 68 साल के हरिनारायण मिस्त्री ने जुगाड़ के आइटम खरीदकर इलेक्ट्रिक साइकिल बना डाली।
ये भी पढ़ें:
रीवा में चने के दाने ने ली दो साल के मासूम की जान, मां के सामने तड़प-तड़पकर हो गई मौत, जानें मामला
हरिनारायण मिस्त्री घर पर ही रेडियो, घड़ी सुधारने का काम करते हैं। उनके पास एक मोटरसाइकिल भी है, जिससे वे अपना बाजार का काम किया करते थे। लेकिन, पेट्रोल के बढ़ते दामों के कारण उन्होंने इसका हल खोजना शुरू किया। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि एक साइकिल भंगार में बहुत कम कीमत में बिक रही है। ऐसे में वे साइकिल खरीदकर ले आए। लेकिन, 68 साल की उम्र में उन्हें साइकिल चलाने में परेशान हो रही थी।
ये भी पढ़ें:
गला घोंटा, पत्थर से सिर कुचला, फिर गड्ढे में दबाया, ग्वालियर में 12 साल की मासूम 'कातिल' का कांड दहला देगा
हरिनारायण पेशे से मिस्त्री और इलेक्ट्रिक का काम करते थे, ऐसे में उन्होंने साइकिल को कम से कम कीमत में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले खराब बैटरियां खरीदीं और उन्हें रिपेयर कर कम खर्च में नया बना लिया। बाजार में बिजली के उपकरण सुधारने वालों की दुकान से खराब आरओ पंप की एक बेकार मोटर भी खरीदी, जिसे भी ठीक कर दिया। बस फिर इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने की मूलभूत आवश्यकता पूरी हो चुकी थी। इसके बाद कुछ और संसाधन एकत्रित करने उन्होंने इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार कर ली।
ये भी पढ़ें:
18 महीने पहले हत्या, अब लौटी महिला, परिवार ने किया था क्रियाकर्म, आरोपी जेल में कैद; बताया तब क्या हुआ था?
हरिनारायण बताते हैं कि उन्होंने अपनी इलेक्ट्रिक साइकिल को रात में चलाने के लिए उसके आगे सफेद और पीछे लाल एलइडी लाइट लगाई गई है। अगर, साइकिल में कोई तकनीकी समस्या आ जाए या बैटरी डिस्चार्ज हो जाए तो इसे मैनुअली भी चलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बाजार में निकलने पर लोग साइकिल को बड़ी हैरत से देखते हैं। वे इसे बनाने के तरीके और इसके फायदे, लागत आदि के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।