ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में एक अनोखा और दिव्य समर्पण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से आईं 100 बेटियों ने जीवनभर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए ईश्वरीय सेवा का संकल्प लिया। इन बेटियों ने शिवलिंग को वरमाला पहनाकर परमात्मा शिव बाबा को अपना जीवनसाथी स्वीकार किया और "शिवप्रिया" बन गईं।
इन बेटियों में बीए, एमए, एमकॉम और डॉक्टरेट जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त कन्याएं शामिल थीं। उन्होंने अपने माता-पिता की मौजूदगी में यह संकल्प लिया कि वे जीवनभर संयम का पालन करेंगी और ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के माध्यम से सेवा करती रहेंगी। इस दिव्य अवसर के साक्षी 5 हजार से भी अधिक लोग बने।
ब्रह्माकुमारीज की वरिष्ठ बहनों ने दी शुभकामनाएं
इस मौके पर संस्थान की वरिष्ठ प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी ने माता-पिता को धन्य बताया जिन्होंने अपनी बेटियों को ईश्वर की सेवा में समर्पित किया। बीके संतोष दीदी ने कहा, “आपने अपनी बेटी के लिए सबसे अच्छा वर चुना है- भगवान शिव। वह सदा सुहागन रहेगी।” वहीं बीके सुदेश दीदी ने युवावस्था में संयम के मार्ग को अपनाने को प्रेरणादायक बताया।
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तीन संकल्प जो बेटियों ने लिए
समर्पण के दौरान सभी बेटियों को तीन मुख्य संकल्प दिलवाए गए:
जीवन समर्पण संकल्प: मैं आज से मन, वचन और कर्म से परमात्मा को अपना जीवन समर्पित करती हूं।
मर्यादा पालन संकल्प: मैं संस्था की मर्यादाओं में रहकर सेवा करूंगी और योग-साधना को जीवन का हिस्सा बनाऊंगी।
सेवा संकल्प: संस्था जहां सेवा के लिए कहेगी, वहां खुशी से जाऊंगी और हर परिस्थिति में "हां जी" कहूंगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
समारोह में मधुरवाणी ग्रुप के स्वागत गीत और समर्पण गीत ने माहौल को भावुक और भक्ति भाव से भर दिया। डॉ. बीके दामिनी बहन की मधुर गायन प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजकोट से आए कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाजसेवा के विभिन्न संदेश दिए। देशभर के 75 से अधिक कलाकारों ने विभिन्न संस्कृतियों की झलकियां पेश कीं। यह समर्पण समारोह उन सभी के लिए प्रेरणा बना, जो अध्यात्म, सेवा और संयम के मार्ग पर चलने की इच्छा रखते हैं।