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Rajasthan Commission report came out in slapping incident case in Samravata village of Tonk
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Rajasthan: टोंक के समरावता गांव में थप्पड़ कांड मामले में आयोग की रिपोर्ट आई सामने, जानिए क्या है खास
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, टोंक Published by: टोंक ब्यूरो Updated Sat, 05 Apr 2025 09:41 PM IST
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टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान 13 नवंबर 2024 को समरावता गांव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एरिया मजिस्ट्रेट और मालपुरा उपखंड अधिकारी अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ने के बाद हुए उपद्रव, आगजनी और बवाल के मामले को लेकर राष्ट्रीय अनूसूचित जनजाति आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट पूरी कर दी है। आज जांच रिपोर्ट जारी कर राज्य सरकार और टोंक जिला प्रशासन को 30 दिन में दोषी अधिकारियों पर की गई कार्रवाई और पीड़ितों को चल-अचल सम्पति का मुआवजा देने की सिफारिशों पर जवाब मांगा है।
आयोग की जांच रिपोर्ट के बाद टोंक जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की चिंताएं और समस्याएं एक बार फिर से बढ़ गई हैं। वहीं, शिकायतकर्ता भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी मदन मोहन राजौर ने पूरे में कार्रवाई की मांग उठाई है। दरअसल, 13 नवंबर को टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव थे। इस दौरान समरावता गांव के ग्रामीण देवली से उनियारा में पंचायत को छोड़ने की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार कर रहे थे।
इसी दौरान एरिया मजिस्ट्रेट और मालपुरा उपखंड अधिकारी अमित चौधरी मौके पर पहुंचे। जहां आशा सहयोगिनी चित्रा मीणा और उसके दिव्यांग पति पर दबाव बनाकर जबरदस्ती वोट डलवाने के आरोप के बाद बवाल हो गया था और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ जड़ दिया था।
आयोग ने माना कि एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी द्वारा जबरदस्ती वोट डलवाने की वजह से थप्पड़ कांड हुआ था
आयोग ने माना कि नरेश मीणा द्वारा घटित थप्पड़ कांड में उनकी पहचान जिला प्रशासन द्वारा की जा चुकी थी, आयोग भी इस घटना की निंदा करता है
प्रशासनिक अधिकारी को थप्पड़ मारना सर्विस अनुचित है। आयोग ने यह भी महसूस किया है कि सम्भवतः यह बदले की कार्रवाई थी
पुलिस अत्याचार में शामिल लोगों को मुआवजा, कानूनी सहायता की भी सिफारिश
झूठे मामलों की समीक्षा करने की भी अनुशंसा आयोग सिफारिश करता है कि इन अनुशंसाओं को शीघ्र लागू किया जाए, ताकि न्याय सुनिश्चित हो, जनजाति अधिकारों की रक्षा हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके
मामले में राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट राज्य सरकार आयोग को 30 दिनों में भेजना सुनिश्चित करें
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