मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताने वाले बयान के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को एबीवीपी और एनएसयूआई से जुड़े छात्र सड़कों पर उतरे और जोरदार नारेबाजी की।
शाम 5 बजे जब वीसी प्रशासनिक भवन पहुंचीं तो छात्र नेताओं ने सचिवालय के चैनल गेट को बाहर से बंद कर ताला जड़ दिया, जिससे कुलपति अंदर फंस गईं। बाहर गेट पर छात्र करीब 6 घंटे तक धरने पर बैठे रहे। रात लगभग साढ़े 11 बजे पुलिस और प्रशासन ने गेट खुलवाया और वीसी को सुरक्षा घेरे में उनके निवास तक पहुंचाया। इस दौरान एडिशनल एसपी उमेश ओझा, एडीएम दीपेन्द्र सिंह, सुखेर थानाधिकारी रविन्द्र चारण और सविना थानाधिकारी अजय सिंह राव पुलिस बल के साथ मौजूद थे।
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छात्रों की मांग थी कि विवाद शांत होने तक वीसी विश्वविद्यालय में नहीं आएंगी। पहले छात्र प्रशासनिक भवन की ओर बढ़े, जहां पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। विरोध बढ़ने पर छात्रों ने होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट पहुंचकर तोड़-फोड़ की और आर्ट्स कॉलेज की ओर बढ़े, जहां परीक्षा रुकवाने पर अड़े रहे। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मयूरध्वज सिंह, रौनकराज सिंह, मिलिंद पालीवाल और पुष्पेन्द्र सिंह ने चेतावनी दी कि वीसी अब कार्यालय में प्रवेश नहीं करेंगी।
राज्यपाल, डिप्टी सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय से पूरी रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि विवाद की शुरुआत 12 सितंबर को हुई थी, जब कुलपति ने कहा कि इतिहास में महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान और अकबर जैसे शासक पढ़ते-सुनते हैं, इनमें कुछ औरंगजेब जैसे कुशल प्रशासक भी रहे हैं। वीसी का यह बयान सामने आते ही विरोध शुरू हो गया। कुलपति ने बाद में माफी मांगते हुए कहा कि वे अहिन्दी भाषी हैं, इसलिए भाषा संबंधी असमंजस हो सकता है। उनके वक्तव्य को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और उनका उद्देश्य किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था।