{"_id":"6788a6a7c5e8636c330d82aa","slug":"video-sultanpur-fasal-ka-sacaii-ka-lkara-catata-kasana-nalkapa-ka-nalya-ma-bugdha-pamana-para-bharashhatacara-ka-aarapa","type":"video","status":"publish","title_hn":"VIDEO : Sultanpur: फसलों की सिंचाई को लेकर चिंतित किसान, नलकूपों की नालियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
VIDEO : Sultanpur: फसलों की सिंचाई को लेकर चिंतित किसान, नलकूपों की नालियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप
एक तरफ सरकार किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ सिंचाई विभाग द्वारा राजकीय नलकूपों की नालियों की मरम्मत में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के चलते किसान फसलों की सिंचाई को लेकर चिंतित है। क्षेत्र के हमजाबाद गांव में स्थित राजकीय नलकूप संख्या-17 केजी की नालियां मरम्मत के महज छह महीने बाद ही क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे आसपास के खेतों में बार-2 पानी भरने से किसानों की गेहूं की फसलें बर्बाद हो रही हैं जबकि ज्यादातर किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। मामले को लेकर ग्रामीणों ने जहां मरम्मत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, वही नलकूप विभाग 2 वर्ष पुराना कार्य बताकर पल्ला झाड़ रहा है।
क्षेत्र के हमजाबाद में स्थित राजकीय नलकूप संख्या-17 केजी की नालियों की मरम्मत को लेकर किसानों का आरोप है कि नलकूप विभाग के ठेकेदार द्वारा जून 2024 में करीब 450 मीटर क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत की गई जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई। ठेकेदार द्वारा पुरानी क्षतिग्रस्त नाली का न तो प्लास्टर उखड़वाया गया और न ही डीपीसी डाली गई। पुराने प्लास्टर के ऊपर घटिया सामग्री का उपयोग कर दोबारा प्लास्टर कर दिया गया। जिसके चलते 6-7 महीने बाद ही कई जगह प्लास्टर टूटकर बह गया। नालियां जगह-2 से रिसाव के साथ बहने लगी।
नलकूप का पानी 100 फिट जाना भी मुश्किल हो गया है। नलकूप के पूरब की नाली तो एक जगह करीब 10-15 फिट टूटकर बह गई। ग्राम प्रधान द्वारा ह्यूम पाइप लगाया गया लेकिन उससे भी समस्या दूर नहीं हो सकी। पानी चलाने पर सारा पानी आसपास के खेतों और नलकूप के अंदर तक भर जाता है। नलकूप के पास स्थित खेतों में बार-2 पानी भरने से वहां की फसलें खराब हो रही हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द नालियों की मरम्मत कराने और अनियमितता की जांच करने की मांग की है।
क्या कहते है किसान
किसान हरिशंकर सिंह का कहना है कि नाली की मरम्मत 6-7 महीना पहले की गई थी। मरम्मत कार्य इतना घटिया हुआ है कि नाली जगह-2 टूट गई है, उखड़ गई है। इतना नुकसान हो रहा है कि कहने लायक नहीं। बाहर न जाकर सारा पानी यही रह जाता है। नलकूप के बगल हमारा खेत है, बार-2 पानी भरने से उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ेगा।
किसान पंकज शुक्ल का कहना है कि मेरा खेत महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। मरम्मत के पहले किसी तरह खेत तक पानी पहुँच भी जाता था। मरम्मत के बाद जगह-2 नाली धंस गई है। अब खेत तक पानी नहीं पहुँच रहा है। निजी नलकूप से पाइप के सहारे सिंचाई करनी पड़ रही है।
महेश यादव ने बताया कि ठेकेदार द्वारा नाली मरम्मत की औपचारिकता निभाई गई है। 6-7 महीने पहले मरम्मत के बाद भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। विभाग द्वारा लीपापोती की गई है।
कहना है कि नाली की मरम्मत 7 महीने पहले की गई थी। लेकिन सही से मरम्मत न होने से नाली जगह-2 चू रही है। पानी नलकूप के आसपास ही रह जाता है। खेतों तक नहीं पहुंच रहा है।
प्रधान प्रतिनिधि अनिल सिंह ने बताया कि जून 2024 में विभाग द्वारा नाली मरम्मत कार्य कराया गया था। मरम्मत के नाम पर सिर्फ पैसा निकाला गया है। किसानों ने नाली टूटने की बात बताई तो 3-4 ह्यूम पाइप लगवाया गया है। शिकायत के जेई जून में काम होने की बात ही नहीं मान रहे, जबकि गांव के सभी किसानों का कहना है कि जून 2024 में मरम्मत कार्य हुआ था।
जेई का दावा, वर्ष 2022 में हुआ था मरम्मत कार्य
वहीं नलकूप विभाग के जेई विकास प्रजापति का कहना है कि नलकूप की नालियों का अंतिम मरम्मत कार्य दिसंबर 2022 में दो लाख रुपये की लागत से कराया गया था। उन्होंने जून 2024 में किसी भी मरम्मत कार्य के होने की बात से इनकार किया।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।