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VIDEO : मणिकर्णिका घाट पर व्यवस्था जरूरी है.... बजबजाति नालियां,कैसे खेले महाश्मशान की होली, जनता कर रही सुधार की मांग
11 मार्च को महाश्मशान में होली होना है। जिसकी शुरुआत केवल 11 अघोर और बाबा के भक्तों के साथ 2012 से मणिकर्णिका घाट पर हुई थी।कुछ ही समय में ये इतनी प्रचलित हो गई है,कि देश विदेश से लाखों लोग बनारस में इसके लिए ही आने लगे। मगर मणिकर्णिका घाट पर और मसान नाथ मंदिर के चारों तरफ नाली बजबजाति दिख रही है ऐसे मे होली कैसे खेला जाएगा।लोग खुले में शौचालय कर रहे है,तो कई जगह कूड़ा का ढेर पड़ा हुआ है।
विकास के नाम पर हुई बदहालीऔर एक तरफ सरकार के द्वारा मणिकर्णिका घाट के विकास को लेकर मनाई गई योजना धारी की धरी रह गई है ।पूरे घाट के पुराने स्वरूप के तोड़ कर घाट कों खंडहर में तब्दील कर दिया गया है। यहां पैदल चलना भी मुश्किल है। इससे दाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों को अलावा आसपास के लोग भी परेशान हो चुके हैं. उनका बोलना है पहले घाट पर एक साथ एक बार में 18 चिताएं नीचे और लगभग उतनी ही ऊपर जलती थी।इससे दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता था। जितेश ने बताया कि इस वक्त तो एक प्लेटफार्म नीचे और एक ऊपर मौजूद है।यहां एक बार में 10 से 11 शवों के ही अंतिम संस्कार हो पा रहे हैं। गर्मी में शवों की संख्या और बढ़ जाती है,तो समस्या भी और बढ़ जाएगी। घाटों की बदहाली के कारण इस बार विश्व प्रसिद्ध महाश्मशान की होली पर भी संकट के बदल मंडरा रहे हैं. आयोजक इस बात से चिंतित हैं कि ऐसी स्थिति में होली होगी कैसे?. आयोजन समिति से जुड़े गुलशन कपूर का कहना है कि “हमने समिति के साथ बैठक की है और कार्यदायी एजेंसी और नगर निगम से भी बात की है. हमें 2 साल से केवल आश्वासन मिल रहा इस बार भी यही आश्वासन मिला है कि. 11 मार्च तक घाट की स्थिति सही हो जाएगी मणिकर्णिका घाट के विकास के लिए 19 करोड़ 88 लाख रुपये तय किए गए थे. यहां अत्याधुनिक चिमनी होगी. भू-तल का कुल क्षेत्रफल 29.350 वर्ग फीट होगा. दाह संस्कार का क्षेत्रफल 12,250 वर्गफीट होगा. रत्नेश्वर महादेव समेत तीन मंदिरों का कायाकल्प भी होगा. यहां तीन तल बनेंगे, प्रथम तल कुल क्षेत्रफल 20, 200 वर्गफीट कार्यदायी संस्था बीआइपीएल है. यहां नवनिर्माण के बाद 32 शव एक साथ जल सकेंगे. खुले में जलते नहीं दिखेंगे शव32 क्रीमेटोरिअम बनेंगे।
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