प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता, भारतीय प्रवासी समुदाय से गहरे जुड़ाव और कोविड 19 महामारी के दौरान मानवीय प्रयासों के लिए दिया गया। आपको बता दें कि पीएम मोदी फिलहाल पांच देशों के दौरे पर हैं और त्रिनिदाद और टोबैगो की यह दो दिन की यात्रा उनका दूसरा पड़ाव है। वहीं, सम्मान मिलने के बाद उन्होंने कहा कि त्रिनिदाद एंड टोबैगो के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होकर मैं गौरवान्वित हूं। मैं यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों की ओर से स्वीकार करता हूं।
पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे इस सदन में इतनी सारी महिला सदस्यों को देखकर बहुत खुशी हो रही है। महिलाओं के प्रति सम्मान भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है। हमारे महत्वपूर्ण पवित्र ग्रंथों में से एक, स्कंद पुराण में कहा गया है कि एक बेटी दस बेटों के बराबर खुशी लाती है। हम अपने आधुनिक भारत के निर्माण के लिए महिलाओं के हाथ मजबूत कर रहे हैं। अंतरिक्ष से लेकर खेल तक, स्टार्टअप से लेकर विज्ञान, शिक्षा से लेकर उद्यम, विमानन से लेकर सशस्त्र बलों तक- वे विभिन्न क्षेत्रों में भारत को एक नए भविष्य की ओर ले जा रही हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 180 साल पहले, पहले भारतीय समुद्र पार एक लंबी और कठिन यात्रा के बाद इस भूमि पर पहुंचे थे। भारतीय धुनें कैरेबियाई लय के साथ खूबसूरती से मिश्रित हुईं। राजनीति से लेकर कविता तक, क्रिकेट से लेकर वाणिज्य तक वे हर क्षेत्र में योगदान देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे कहना होगा कि भारतीय वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के सबसे उत्साही प्रशंसकों में से हैं। हम पूरे दिल से उनका उत्साहवर्धन करते हैं, सिवाय उस समय के जब वे भारत के खिलाफ खेल रहे हों। उन्होंने कहा कि हम भारतीयों के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक राजनीतिक मॉडल नहीं बल्कि हमारे लिए यह जीवन जीने का एक तरीका है। इस संसद में भी कुछ ऐसे सदस्य हैं जिनके पूर्वज भारत के बिहार राज्य से आए थे, जो महाजनपदों प्राचीन गणराज्यों की भूमि है।