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Iran Israel Conflict: Ayatollah Ali Khamenei's blunt answer to America
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Iran Israel Conflict: अयातुल्ला अली खामनेई की अमेरिका को दो टूक
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: सत्यम दुबे Updated Fri, 27 Jun 2025 04:57 AM IST
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा, उनके देश ने 'अमेरिका के चेहरे पर तमाचा मारा है।' उन्होंने भविष्य में होने वाले किसी भी अमेरिकी हमले के खिलाफ चेतावनी भी दी। उनकी यह टिप्पणी इसलिए अहम है क्योंकि 12 दिनों के वार-पलटवार के बाद इस्राइल के साथ संघर्षविराम हुआ और अब खामनेई ने पहली सार्वजनिक टिप्पणी की है। गुरुवार को खामनेई का संदेश देश के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 जून के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर मीडिया के सामने आए खामनेई पहले से अधिक थके और शारीरिक रूप से थोड़े कमजोर भी दिखे।
इस्राइल के साथ जारी संघर्ष के बीच अमेरिकी हस्तक्षेप को लेकर खामनेई ने कहा, अमेरिका ने युद्ध में केवल इसलिए हस्तक्षेप किया क्योंकि उसे लगा कि अगर हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो इस्राइल में यहूदी शासन पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा। खामनेई ने कहा कि अमेरिका को इस युद्ध से "कोई लाभ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, इस्लामी गणराज्य विजयी रहा। बदले में ईरान ने अमेरिका के चेहरे पर तमाचा मारा। उन्होंने कथित तौर पर सोमवार को कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे- अल उदीद पर ईरानी मिसाइल हमले की तरफ संकेत दिया। हालांकि, ईरान के इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। खामनेई ने चेतावनी दी और कहा, ऐसी कार्रवाई भविष्य में भी दोहराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ईरान इस क्षेत्र (पश्चिम एशिया) में अमेरिका के प्रमुख केंद्रों तक आसानी से पहुंच सकता है। जब भी जरूरी होगा, ईरान कार्रवाई कर सकता है। चेतावनी भरे लहजे में ईरान के सुप्रीम लीडर ने कहा, अगर कोई आक्रमण होता है, तो दुश्मन को निश्चित रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
आपको बता दें कि 86 वर्षीय खामनेई बीते 13 जून को इस्राइल के साथ टकराव शुरू होने के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखे गए थे। इस्राइली सेना ने ईरान के परमाणु ठिकानों, प्रमुख सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया था। इसके बाद खामनेई गुप्त स्थान पर चले गए थे। सीजफायर होने के दो दिन बाद गुरुवार को देश की जनता को संबोधित करने सामने आए खामनेई भूरे रंग के साधारण परदों के सामने बैठकर संदेश दिया। उन्होंने 19 जून को भी ऐसा ही किया था।
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