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Trump on Nobel Prize: Trump wants Nobel Peace Prize! Why is Donald Trump's pain spilling out?
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Trump on Nobel Prize: Trump को नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत! डोनाल्ड ट्रंप का क्यों छलका दर्द?
वीडियो डेस्क अमर उजाला Published by: आकाश शर्मा Updated Sat, 21 Jun 2025 12:49 PM IST
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आज कल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर चर्चा में आ गए। आप को बता दें कि कुछ दिन पहले राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के आर्मी चीफ से मिले। अब पाकिस्तान द्वारा नोबल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप को नॉमिनेट किया जाना पाकिस्तान की चालाकी बताई जा रही है, क्योंकि ट्रंप चाहते हैं कि यह पुरस्कार किसी भी तरह उन्हें मिले। वहीं चर्चाओं के बीच ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा कि सोमवार को व्हाइट हाउस में कांगो और रवांडा शांति समझौते पर दस्तख्त करेंगे। इसके पहले मैंने भारत पाकिस्तान सहित कई युद्ध रुकवाए, लेकिन मुझे कोई इस नेक काम करके लिए नोबल प्राइज नहीं देगा।
बता दें कि हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना के अध्यक्ष असीम मुनीर से मुलाकात की थी। उन्होंने असीम मुनीर को अमेरिका बुलाया और लंच डिप्लोमेसी की। उन्होंने वाशिंगटन में व्हाइट हाउस में असीम मुनीर के साथ लंच किया। मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने बताया कि भारत के साथ युद्ध नहीं लड़ने का फैसला लेने के लिए आभार जताने को उन्होंने मुनीर को अमेरिका बुलाया था। वहीं व्हाइट हाउस स्पीकर की ओर से बयान जारी किया गया कि पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है। इसका आभार जताने के लिए उन्होंने असीम मुनीर को अमेरिका बुलाया था, लेकिन अमेरिका और पाकिस्तान की इस मुलाकात की दुनियाभर के सियासी गलियारों में खूब चर्चा हुई।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर अपनी इच्छा को सोशल मीडिया के माध्यम से जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट कर कहा कि उन्होंने दुनिया में कई बड़े शांति प्रयास किए हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।
ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा कि मैंने कांगो और रवांडा के बीच समझौता करवाया, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका, सर्बिया और कोसोवो के बीच शांति लाई, मिस्र और इथियोपिया के बीच टकराव रोका और मिडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते किए। फिर भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। उन्होंने आगे लिखा कि अगर सब कुछ सही चला, तो अब्राहम समझौते में और देश भी जुड़ेंगे और मिडिल ईस्ट पहली बार एकजुट हो पाएगा।
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