ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के कुछ दिनों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से ईरान पर हमले की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ईरान ने यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया जारी रखी, तो अमेरिका उसके खिलाफ दोबारा सैन्य कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं करेगा। ट्रंप ने कहा कि ईरान को पहले भी गंभीर नुकसान पहुंचाया गया है और यदि जरूरत पड़ी, तो उसे फिर से उसी तरह का जवाब दिया जाएगा।
ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने को ध्वस्त किए जाने को लेकर ट्रंप ने कहा कि हम ही थे जो यह कर सकते थे, और हमने वह कर दिखाया। इसके अलावा हमने ईरान के दो अन्य ठिकानों को भी नष्ट किया। हमने उन्हें पूरी तरह खत्म कर दिया। उनका इरादा बेहद दुर्भावनापूर्ण था, लेकिन मेरा मानना है कि ईरान निकट भविष्य में अपने परमाणु कार्यक्रम की ओर वापस नहीं लौटेगा। उन्होंने इस पर एक ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक खर्च कर दिए, फिर भी कुछ ठोस हासिल नहीं कर पाए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और उसके सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई को लेकर एक तीखा बयान जारी किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि युद्धग्रस्त ईरान के तथाकथित "सुप्रीम लीडर" आयतुल्ला खामनेई कैसे इतने स्पष्ट और मूर्खतापूर्ण ढंग से यह दावा कर सकते हैं कि उन्होंने इस्राइल के साथ युद्ध जीत लिया, जबकि वे स्वयं जानते हैं कि यह पूरी तरह गलत है। ट्रंप ने कहा कि एक धर्मगुरु होने के नाते खामनेई से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वे झूठ बोलेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि ईरान पहले ही बुरी तरह तबाह हो चुका है, उसके तीन परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें यह भी पूरी तरह पता था कि खामनेई कहां छिपे हुए थे, और उन्होंने जानबूझकर इस्राइल या अमेरिकी सशस्त्र बलों...जो दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाएं हैं.. को उन्हें मारने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा, मैंने उन्हें एक बहुत ही भयानक और अपमानजनक मौत से बचाया। उन्होंने यह नहीं कहा....धन्यवाद, राष्ट्रपति ट्रंप!