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Bihar: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व, छठ मईया के जयकारों से गूंजे घाट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,मुजफ्फरपुर/जहानाबाद/सुपौल/पूर्णिया
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Tue, 28 Oct 2025 09:20 AM IST
सार
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ हुआ। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर भगवान भास्कर और छठी मईया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
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सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
लोक आस्था और तपस्या का पर्व छठ पूजा मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ सम्पन्न हो गया। चार दिनों तक चले इस महापर्व में पूरे बिहार में भक्ति, उल्लास और अनुशासन का अद्भुत संगम देखने को मिला। कल शाम व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया था और आज तड़के अहले सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर छठी मईया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके साथ ही 36 घंटे के निर्जल व्रत का समापन हुआ।
भोर होते ही शहरों से लेकर गांवों तक छठव्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों की ओर उमड़ पड़ी। महिलाओं और पुरुषों ने सूप-दौरा में ठेकुआ, फल और प्रसाद सजाकर पारंपरिक गीतों 'उठे सूर्य भगवान, अंगना में दीहीं दर्शन' के साथ सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।
भोर होते ही शहरों से लेकर गांवों तक छठव्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों की ओर उमड़ पड़ी। महिलाओं और पुरुषों ने सूप-दौरा में ठेकुआ, फल और प्रसाद सजाकर पारंपरिक गीतों 'उठे सूर्य भगवान, अंगना में दीहीं दर्शन' के साथ सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।
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मुजफ्फरपुर में हुआ भव्य आयोजन
- फोटो : अमर उजाला
मुजफ्फरपुर के सीढ़ी घाट, आश्रम घाट, लकड़ीढही घाट, अखाड़ा घाट, चंदवारा घाट सहित कई प्रमुख स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। ब्रह्मपुरा पोखर, तीन पोखरिया, पड़ाव पोखर, साहू पोखर मंदिर तालाब और रामदयालु कॉलेज परिसर के घाटों पर भी श्रद्धा और उल्लास के साथ पूजा संपन्न हुई। पूजा के बाद भक्तों ने छठी मईया और भगवान भास्कर का प्रसाद ग्रहण किया।
जहानाबाद में प्रशासनिक चौकसी और श्रद्धा का संगम
- फोटो : अमर उजाला
जहानाबाद में भी छठ पर्व का समापन सुबह अर्घ्यदान के साथ हुआ। जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई दिनों से तैयारी चल रही थी। आज घाटों पर भारी संख्या में व्रती और श्रद्धालु पहुंचे और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। जिलाधिकारी अलंकृता पांडे और एसपी विनीत कुमार ने कई छठ घाटों का निरीक्षण किया। दरधा-यमुने नदी संगम घाट पर सबसे अधिक भीड़ देखी गई। श्याम नगर घाट पर काशी से आए पंडितों ने गंगा आरती कराई, जो आकर्षण का केंद्र बनी। इसके अलावा अलगाना घाट, कनौदी घाट, मखदुमपुर, हुलासगंज, ओकरी, मोदनगंज, रतनी, शकूराबाद, तहता आदि स्थानों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हर जगह भक्ति गीतों की धुन और दीपों की रौशनी ने माहौल को दिव्य बना दिया।
नारी शक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक पर्व
- फोटो : अमर उजाला
भोर होते ही घाटों पर व्रतियों की भीड़ दौरा और सूप में ठेकुआ व फलों से सजे अर्घ्य लेकर पहुंची। “उठे सूर्य भगवान, अंगना में दीहीं दर्शन” जैसे पारंपरिक गीतों की मधुर ध्वनि के बीच उगते सूर्य की पहली किरण ने श्रद्धा को और गहरा दिया। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समानता और नारी शक्ति के सम्मान का उत्सव भी है। पूजा समाप्त होने के बाद व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया और एक-दूसरे को छठ की शुभकामनाएं दीं।
छठ घाटों पर भक्ति का माहौल
- फोटो : अमर उजाला
कमला नदी किनारे परतापुर में दिखा मनमोहक दृश्य
कमला नदी के किनारे परतापुर घाट, कंदरपी घाट, पिपरघाट, आर एस बाजार आदि स्थानों पर भी छठ महापर्व धूमधाम से मनाया गया। हजारों की संख्या में व्रती चचरी पुल पार कर घाट पहुंचे। यहां एसडीआरएफ की टीम, मजिस्ट्रेट, गोताखोर और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। छठ पूजा समिति और सैकड़ों कार्यकर्ता सुरक्षा और व्यवस्था में जुटे रहे। आस्था, विश्वास और तपस्या का यह महापर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ, और सूर्य की पहली किरण के साथ पूरे प्रदेश में भक्ति की बयार बहती रही।
कमला नदी के किनारे परतापुर घाट, कंदरपी घाट, पिपरघाट, आर एस बाजार आदि स्थानों पर भी छठ महापर्व धूमधाम से मनाया गया। हजारों की संख्या में व्रती चचरी पुल पार कर घाट पहुंचे। यहां एसडीआरएफ की टीम, मजिस्ट्रेट, गोताखोर और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। छठ पूजा समिति और सैकड़ों कार्यकर्ता सुरक्षा और व्यवस्था में जुटे रहे। आस्था, विश्वास और तपस्या का यह महापर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ, और सूर्य की पहली किरण के साथ पूरे प्रदेश में भक्ति की बयार बहती रही।