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JDU Candidate : सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने बदला प्रत्याशी; बिहार चुनाव में अमौर सीट पर अब साबिर अली

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पूर्णिया Published by: शबाहत हुसैन Updated Sat, 18 Oct 2025 04:00 PM IST
सार

Bihar Election 2025: जदयू में वापसी पर साबिर अली ने खुशी जताते हुए कहा कि वह हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन से जुड़े रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2008 से 2014 तक वे जदयू से राज्यसभा सांसद रहे और दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली।

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Bihar Election: JDU claims Saba Zafar ticket cancelled before nomination Sabir Ali becomes new candidate
पूर्व सांसद साबिर अली बने नए प्रत्याशी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बिहार विधानसभा उपचुनाव की अमौर सीट पर एनडीए गठबंधन के भीतर बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। नामांकन की अंतिम तिथि से ठीक एक दिन पहले जदयू ने अपने घोषित प्रत्याशी सबा ज़फर का टिकट काट दिया। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और भीतरघात के गंभीर आरोप लगे हैं। इस नाटकीय घटनाक्रम के तुरंत बाद पार्टी ने पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को अमौर सीट से अपना नया प्रत्याशी घोषित कर दिया।

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शनिवार को धमदाहा विधायक एवं मंत्री लेसी सिंह के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में साबिर अली को औपचारिक रूप से जदयू में शामिल कराया गया। इस मौके पर मंत्री लेसी सिंह और अन्य पदाधिकारियों ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। अब साबिर अली 20 अक्तूबर को अमौर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

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मंत्री लेसी सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि साबिर अली समता पार्टी काल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुराने साथी रहे हैं। उनकी घर वापसी से पार्टी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि साबिर अली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विजन को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।


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जदयू में वापसी पर साबिर अली ने खुशी जताते हुए कहा कि वह हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन से जुड़े रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2008 से 2014 तक वे जदयू से राज्यसभा सांसद रहे और दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली। उन्होंने स्वीकार किया कि बीच में वैचारिक मतभेद जरूर हुए थे, लेकिन अब उन्हें खुशी है कि वे एक बार फिर पार्टी के साथ जुड़कर काम करेंगे। साबिर अली ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी जिम्मेदारी देगा, वे उसे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे। सबा जफर का टिकट नामांकन से ठीक पहले काटा जाना इस बात का संकेत है कि पार्टी आंतरिक अनुशासन से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी।

अमौर सीट का सियासी महत्व
अमौर सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता है। यहां मुख्य मुकाबला एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान से है। ऐसे में साबिर अली जैसे अनुभवी और प्रभावशाली मुस्लिम नेता को उतारना, जदयू का एक सधा हुआ राजनीतिक दांव माना जा रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि साबिर अली की उम्मीदवारी से मुस्लिम वोट एकजुट होंगे और अख्तरूल ईमान की चुनौती को मजबूती से जवाब मिलेगा। इस नाटकीय बदलाव से अमौर सीट पर चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं, जिससे मुकाबला और भी कड़ा व दिलचस्प हो गया है।

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