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गोरखपुर एम्स : नहीं मिला पूर्व ईडी के बेटों की उपस्थिति वाला रजिस्टर, होगी जांच- लगे हैं ये गंभीर आरोप
संवाद न्यूज एजेंसी, गोरखपुर
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Thu, 27 Nov 2025 01:22 AM IST
सार
एम्स ऋषिकेश से जून 2020 में गोरखपुर एम्स का कार्यकारी निदेशक बनने वाली डॉ. सुरेखा किशोर पर अपने दोनों बेटों डॉ. शिखर किशोर वर्मा और डॉ. शिवल किशोर वर्मा को एम्स, गोरखपुर में जेआर पद पर नियुक्ति देने का आरोप था। इस मामले को पिछले साल एम्स, ऋषिकेष ट्रांसफर कर दिया गया था।
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गोरखपुर एम्स
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर की पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर के दोनों बेटों के हस्ताक्षर वाला रजिस्टर गायब होने से हड़कंप मचा गया है। अब एम्स प्रशासन ने इस मामले में जांच कराने का निर्णय लिया है।
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उधर, एम्स की तत्कालीन कार्यकारी निदेशक डॉ सुरेखा किशोर पर लगे आरोपों पर ऋषिकेश एम्स ने भी पत्रावलियों की जांच शुरू कर दी है। एम्स गोरखपुर ने बुधवार को ऋषिकेश प्रबंधन को लिखित सूचना देकर बताया है कि ऐसा कोई रजिस्टर प्रशासनिक दस्तावेजों में नहीं है। अब इसकी जांच कराई जाएगी।
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एम्स ऋषिकेश से जून 2020 में गोरखपुर एम्स का कार्यकारी निदेशक बनने वाली डॉ. सुरेखा किशोर पर अपने दोनों बेटों डॉ. शिखर किशोर वर्मा और डॉ. शिवल किशोर वर्मा को एम्स, गोरखपुर में जेआर पद पर नियुक्ति देने का आरोप था। इस मामले को पिछले साल एम्स, ऋषिकेष ट्रांसफर कर दिया गया था।
मामले में डॉ सुरेखा किशोर के अलावा तीन से चार लोगों को भी दोषी माना गया था। पूर्व जांच के दौरान पूर्व ईडी पर पर आरोप लगा था कि नियुक्ति ही नियमों को दरकिनार कर नहीं की गई थी, बल्कि दोनों बेटों को बिना नौकरी किए ही वेतन भी ले लिया था।
मामले में डॉ सुरेखा किशोर के अलावा तीन से चार लोगों को भी दोषी माना गया था। पूर्व जांच के दौरान पूर्व ईडी पर पर आरोप लगा था कि नियुक्ति ही नियमों को दरकिनार कर नहीं की गई थी, बल्कि दोनों बेटों को बिना नौकरी किए ही वेतन भी ले लिया था।
एक शिकायत पर विजिलेंस ने जांच कर प्रारंभिक रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को दी थी, जिसके आधार पर जनवरी 2024 में उन्हें हटाकर एम्स पटना के प्रभारी कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पाल को गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक का चार्ज दिया गया था। 2020 से पूर्व एम्स गोरखपुर का कार्यभार संभालने से पहले वह एम्स ऋषिकेश की डीन थी।
एम्स ऋषिकेस में जांच शुरू हुई तो पूर्व कार्यकारी निदेशक ने फोटो कॉपी को संदिग्ध बताते हुए मूल हस्ताक्षर वाला रजिस्टर मंगाने की बात जांच टीम से कही। इसके बाद एम्स ऋषिकेश प्रशासन ने गोरखपुर एम्स प्रशासन से रजिस्टर मांगा। लेकिन, यहां जांच के बाद कोई रजिस्टर मिला ही नहीं। बताया जा रहा है कि इस मामले में एक बार फिर से जांच तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, पारिवारिक कारण से पूर्व ईडी विदेश के दौरे पर हैं।
एम्स ऋषिकेश से उपस्थित रजिस्टर की तलाश की गई। लेकिन ऐसा कोई रजिस्टर नहीं मिला। ऐसे में प्रबंधन की तरफ से लिखित में जवाब दे दिया गया है। रजिस्टर कहां गया, इसकी जांच कराई जाएगी: डॉ. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक
एम्स ऋषिकेश से उपस्थित रजिस्टर की तलाश की गई। लेकिन ऐसा कोई रजिस्टर नहीं मिला। ऐसे में प्रबंधन की तरफ से लिखित में जवाब दे दिया गया है। रजिस्टर कहां गया, इसकी जांच कराई जाएगी: डॉ. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक