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Gorakhpur News: गीडा में सेटअप के बाद दोगुनी से अधिक हो जाएगी गीता प्रेस की पुस्तक प्रकाशन क्षमता
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- गीडा में 10 एकड़ जमीन मिलने के बाद होगा विस्तार, लगेंगी आधुनिक मशीनें
- गीता प्रेस हर वर्ष तीन करोड़ से अधिक पुस्तकों का करता है प्रकाशन
गोरखपुर। धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध गीता प्रेस अब अपने विस्तार की ओर बढ़ रहा है। गीडा में 10 एकड़ जमीन के आवंटन का प्रमाण पत्र 29 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सौंपेंगे। नई भूमि मिलने के बाद गीता प्रेस आधुनिक सेटअप स्थापित करेगा, जिसके चलते प्रकाशन क्षमता वर्तमान से दोगुनी से भी अधिक होने की उम्मीद है।
शताब्दी वर्ष पूरा कर चुके गीता प्रेस ने अगले 100 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विस्तार की योजना तैयार की है। जमीन मिलते ही अगले चार वर्षों में पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर दिया जाएगा और यहीं से प्रकाशन कार्य शुरू होने की संभावना है। इससे रेती स्थित पुराने परिसर की जगहें संकरी होने से होने वाली दिक्कतों से भी राहत मिलेगी। हालांकि, पुरानी इकाई में प्रकाशन कार्य पहले की तरह ही जारी रहेगा। वर्तमान में गीता प्रेस सालाना लगभग तीन करोड़ पुस्तकें प्रकाशित करता है लेकिन संसाधनों की कमी के चलते करीब 15 प्रतिशत मांग पूरी नहीं कर पाता। नई जगह पर अत्याधुनिक मशीनें लगने के बाद उत्पादन क्षमता में बड़ी वृद्धि होगी। इससे पाठकों की मांग के अनुसार प्रकाशन करने में भी आसानी होगी। पिछले वर्ष महाकुंभ से जुड़े एक बड़े ऑर्डर को भी कमी के कारण पूरा नहीं किया जा सका था, जो अब संभव हो सकेगा।
गीडा में जमीन मिलने के बाद गीता प्रेस अगले 100 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विस्तार करेगा। नई जगह पर उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और मांग के अनुसार आपूर्ति भी बढ़ाई जाएगी।
- लालमणि तिवारी, प्रबंधक, गीता प्रेस
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- गीता प्रेस हर वर्ष तीन करोड़ से अधिक पुस्तकों का करता है प्रकाशन
गोरखपुर। धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध गीता प्रेस अब अपने विस्तार की ओर बढ़ रहा है। गीडा में 10 एकड़ जमीन के आवंटन का प्रमाण पत्र 29 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सौंपेंगे। नई भूमि मिलने के बाद गीता प्रेस आधुनिक सेटअप स्थापित करेगा, जिसके चलते प्रकाशन क्षमता वर्तमान से दोगुनी से भी अधिक होने की उम्मीद है।
शताब्दी वर्ष पूरा कर चुके गीता प्रेस ने अगले 100 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विस्तार की योजना तैयार की है। जमीन मिलते ही अगले चार वर्षों में पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर दिया जाएगा और यहीं से प्रकाशन कार्य शुरू होने की संभावना है। इससे रेती स्थित पुराने परिसर की जगहें संकरी होने से होने वाली दिक्कतों से भी राहत मिलेगी। हालांकि, पुरानी इकाई में प्रकाशन कार्य पहले की तरह ही जारी रहेगा। वर्तमान में गीता प्रेस सालाना लगभग तीन करोड़ पुस्तकें प्रकाशित करता है लेकिन संसाधनों की कमी के चलते करीब 15 प्रतिशत मांग पूरी नहीं कर पाता। नई जगह पर अत्याधुनिक मशीनें लगने के बाद उत्पादन क्षमता में बड़ी वृद्धि होगी। इससे पाठकों की मांग के अनुसार प्रकाशन करने में भी आसानी होगी। पिछले वर्ष महाकुंभ से जुड़े एक बड़े ऑर्डर को भी कमी के कारण पूरा नहीं किया जा सका था, जो अब संभव हो सकेगा।
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गीडा में जमीन मिलने के बाद गीता प्रेस अगले 100 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विस्तार करेगा। नई जगह पर उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और मांग के अनुसार आपूर्ति भी बढ़ाई जाएगी।
- लालमणि तिवारी, प्रबंधक, गीता प्रेस