Gorakhpur News: चार कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी, पूर्वांचल से लेकर नेपाल और बिहार तक होती है सप्लाई
पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवाओं की थोक मंडी भालोटिया मार्केट है। यहां से दवाओं की सप्लाई पूर्वांचल से लेकर नेपाल और बिहार तक में होती है। मार्केट में दवाएं लखनऊ से लेकर हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब से आती हैं। इस वजह से यहां अलर्ट जारी किया गया है।
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हरियाणा की कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड की ओर से बनाए गए चार कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। एफएसडीए के उप आयुक्त एके जैन ने सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को इन कफ सिरपों के निरंतर निगरानी के निर्देश दिए हैं। सिरप मिलने पर चारों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।
पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवाओं की थोक मंडी भालोटिया मार्केट है। यहां से दवाओं की सप्लाई पूर्वांचल से लेकर नेपाल और बिहार तक में होती है। मार्केट में दवाएं लखनऊ से लेकर हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब से आती हैं। ऐसे में यह अंदेशा है कि भालोटिया मार्केट में भी मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड की ओर से बनाए गए कप सिरप आए होंगे।
ऐसे में भालोटिया मार्केट में विशेष निगरानी रखते हुए इस कंपनी का काम करने वाले दवा व्यापारियों से जानकारी ली जा रही है। आदेश है कि अलग-अलग बैच में अगर दवाएं आई हैं तो सभी बैच के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएं, जिससे कि दवाओं की आपूर्ति जल्द से जल्द रोकी जाए।
ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि जांच के निर्देश मिले हैं। पता किया जा रहा है कि इन दवाओं का काम भालोटिया मार्केट में कौन-कौन करता है, जिससे की दवाओं का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा सके।
बता दें कि गांबिया के बाद उज्जबेकिस्तान ने भी भारत में निर्मित कफ सिरप पर संदेह जताया है। यह कफ सिरप गाजियाबाद में बना था। इन कफ सिरप में प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप शामिल हैं। यह सिरप पेट दर्द होने, मानसिक स्थिति खराब होने, किडनी की समस्या होने पर दी जाती है। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया ने दवा विक्रेताओं से अपील की है कि अगर यह सिरप आए हैं तो इसकी जानकारी विभाग को जरूर दें।
दवा व्यापारी प्रियांशु की गतिविधियों से थे अंजान
कानपुर में नकली दवा बनाकर बेचने के आरोप में पकड़े गए प्रियांशु चौहान की गतिविधियों से यहां के दवा व्यापारी अंजान थे। हालांकि गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद चर्चा में आए प्रियांशु ने कुछ दवा व्यापारियों से संपर्क करने कोशिश जरूर की थी, लेकिन वह अभी दवा की सप्लाई नहीं कर पाया था।
बताया जा रहा है कि वह धीरे-धीरे जिले में नेटवर्क बनाने में जुटा था, लेकिन चार माह पूर्व पकड़ी गई फेंसिडिल सिरप की वजह से उसने अपना हाथ पीछे खींच लिया। अगर फेंसिडिल कफ सिरप पकड़ी नहीं गई होती तो वह अपने दवाओं को अब तक जिले में बेचना शुरू कर देता।
यह भी बताया जा रहा है कि सिरप पकड़े जाने के बाद उसने दवाएं नहीं भेजीं। हालांकि पहले उसने, इसके लिए अपने सगे भाइयों को तैयार कर लिया था। इस काम के सिलसिले में उसने कुछ दवा व्यापारियों से मुलाकात भी की थी।
बता दें कि कानपुर के रतनलाल नगर में अपनी पत्नी और भाइयों के साथ मिलकर प्रियांशु नकली दवा बनाकर बेचने का काम करता था। इस मामले में कानपुर पुलिस ने प्रियांशु सहित आठ लोगों को पकड़कर उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की है। प्रियांशु, गोरखपुर के कृष्णानगर में रहता है।