{"_id":"691c174337eba6f46f04a1e8","slug":"cm-yogi-inaugurated-the-forensic-science-laboratory-in-gorakhpur-it-was-built-at-a-cost-of-72-78-crore-2025-11-18","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"UP: सीएम योगी ने गोरखपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का किया उद्घाटन, 72.78 करोड़ की लागत से हुई तैयार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UP: सीएम योगी ने गोरखपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का किया उद्घाटन, 72.78 करोड़ की लागत से हुई तैयार
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Tue, 18 Nov 2025 12:20 PM IST
सार
शास्त्री चौक के पास नवनिर्मित छह मंजिला भवन बनकर तैयार अत्याधुनिक फोरेंसिक लैब विशेष तकनीकों से लैस है। इसके खुलने से फायदा होगा कि इसी परिसर में अब लैपटाप, मोबाइल, सीसी कैमरा फुटेज और अन्य डिजिटल डिवाइस से लापता या चोरी डिवाइय या उसके डाटा रिकवरी की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
विज्ञापन
सीएम योगी
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विज्ञापन
विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में 72.78 करोड़ रुपये की लागत से बने क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। कहा, देश में तीन नए कानून लागू किए गए थे। मुख्य रुप से पीएम मोदी के नेतृत्व में तीन नए कानून लागू किए गए थे, जिनकी अवधारणा प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को समय से न्याय देने की रही है।
यानि ब्रिटिश कालखंड की जो अवधारण थी, दंड पर आधारित इससे अलग हटकर हर व्यक्ति को न्याय मिले और समय से न्याय मिले, इसी वजह से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को पिछले वर्ष जुलाई में लागू किय गया था।
लागू होने के बाद ये अनिवार्य हो गया कि उन सभी अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य जुटाएं जाएंगे जिसमें सात वर्ष से ऊपर की सजा है। इसकी तैयारी हमने प्रदेश में पहले से ही कर ली थी। अक्सर अपराधी अपराध करता था और अपराध के बाद साक्ष्य के आभाव में अपराधी को सजा नहीं मिल पाती थी। क्योंकि लैब्स के आभाव के अपराधी बच जाते थे।
2017 में सूबे में सिर्फ 4 लैब थे। हमने उसी समय निर्देश जारी किया और कमिश्नरी स्तर पर एक एक लैब तैयार कराया जाए, इसका प्रयास शुरू किया। पिछले 8 वर्ष में 4 लैब से बढ़कर 12 लैब हो गए हैं। सूबे के 18 कमिश्नरी में लैब बनाए होंगे। 6 कमिश्नरी में लैब का काम संचालित है।
यहां हर प्रकार को फोरेसिंग साइंस से अपराध के खिलाफ समय से ठोस साक्ष्य के साथ पीडि़त तो न्याय दिलवाने का काम किया जाएगा। हर जिले में मोबाइल फॉरेंसिंक वैन भी जुटाए गए हैं। अब अपराध करने पर पीड़ित को भटकने की जरूरत नहीं।
अपराधी मौज मस्ती साक्ष्य नहीं होने से बच निकलता है, अब बचेगा नहीं। अपराध होने के कुछ ही घंटों के अंदर पुख्ता साक्षाय होगा और लैब भी बता देगी कि ये अपराध व्यक्ति ने कारित किया है। युवाओं को भी रोजगार का माध्यम प्राप्त हो सके।
Trending Videos
यानि ब्रिटिश कालखंड की जो अवधारण थी, दंड पर आधारित इससे अलग हटकर हर व्यक्ति को न्याय मिले और समय से न्याय मिले, इसी वजह से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को पिछले वर्ष जुलाई में लागू किय गया था।
विज्ञापन
विज्ञापन
लागू होने के बाद ये अनिवार्य हो गया कि उन सभी अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य जुटाएं जाएंगे जिसमें सात वर्ष से ऊपर की सजा है। इसकी तैयारी हमने प्रदेश में पहले से ही कर ली थी। अक्सर अपराधी अपराध करता था और अपराध के बाद साक्ष्य के आभाव में अपराधी को सजा नहीं मिल पाती थी। क्योंकि लैब्स के आभाव के अपराधी बच जाते थे।
2017 में सूबे में सिर्फ 4 लैब थे। हमने उसी समय निर्देश जारी किया और कमिश्नरी स्तर पर एक एक लैब तैयार कराया जाए, इसका प्रयास शुरू किया। पिछले 8 वर्ष में 4 लैब से बढ़कर 12 लैब हो गए हैं। सूबे के 18 कमिश्नरी में लैब बनाए होंगे। 6 कमिश्नरी में लैब का काम संचालित है।
यहां हर प्रकार को फोरेसिंग साइंस से अपराध के खिलाफ समय से ठोस साक्ष्य के साथ पीडि़त तो न्याय दिलवाने का काम किया जाएगा। हर जिले में मोबाइल फॉरेंसिंक वैन भी जुटाए गए हैं। अब अपराध करने पर पीड़ित को भटकने की जरूरत नहीं।
अपराधी मौज मस्ती साक्ष्य नहीं होने से बच निकलता है, अब बचेगा नहीं। अपराध होने के कुछ ही घंटों के अंदर पुख्ता साक्षाय होगा और लैब भी बता देगी कि ये अपराध व्यक्ति ने कारित किया है। युवाओं को भी रोजगार का माध्यम प्राप्त हो सके।