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UP: सीएम योगी ने कहा- वो दौर खत्म...जब पीड़ित तड़पता, भटकता था- अपराधी मौज करते थे; अब अपराधी बच नहीं सकते

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: रोहित सिंह Updated Tue, 18 Nov 2025 01:22 PM IST
सार

सीएम योगी ने बताया कि गोरखपुर में अपग्रेडेड फॉरेंसिक साइंस लैब में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी जो सटीक जांच करेंगी। यह लैब मॉडर्न पुलिस के लिए गेम चेंजर साबित होगी। त्वरित और पुख्ता जांच होने से लोगों को समय से सुसंगत न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का ही हिस्सा हैं।

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CM Yogi inaugurated the Regional Forensic Science Laboratory in Gorakhpur on Tuesday.
सीएम योगी - फोटो : स्त्रोत-एक्स
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विस्तार
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के बाद का नया उत्तर प्रदेश अपराध को कतई स्वीकार नहीं करता है। यदि किसी ने यहां अपराध करने की जुर्रत की तो उसे हरहाल में उसकी कीमत भी चुकानी होगी। वह दौर खत्म हो गया जब पीड़ित तड़पता, भटकता था और अपराधी मौज-मस्ती करते थे।
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अब प्रदेश सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत साक्ष्य संकलन और फॉरेंसिक साइंस लैब्स (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) के जरिए इसके प्रमाणन की ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है कि कोई भी अपराधी बच नहीं पाएगा।
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सीएम योगी मंगलवार को बी से ए क्लास में उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) गोरखपुर के नवीन उच्चीकृत भवन के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। छह मंजिला हाईटेक नवीन भवन के निर्माण पर 72.78 करोड़ रुपये की लागत आई है।

उच्चीकृत आरएफएसएल का फीता काटकर उद्घाटन करने और यहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने फॉरेंसिक जांच की अत्याधुनिक सौगात के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार फॉरेंसिक साइंस लैब थे।

सरकार बनने के बाद उन्होंने यह तय किया कि हर कमिश्नरी में एक फॉरेंसिक साइंस लैब होनी चाहिए। इससे आठ वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। छह लैब निर्माणाधीन हैं। जल्द ही सभी कमिश्नरी में फॉरेंसिक साइंस लैब होंगे। इन लैब्स में हर प्रकार की फॉरेंसिक जांच होगी जो साक्ष्य को प्रमाणित कर अपराधियों को कठोर दंड दिलाने का आधार बनेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कमिश्नरी स्तर पर फॉरेंसिक साइंस लैब स्थापित करने के साथ सरकार ने हर जिले में फॉरेंसिक साक्ष्य संकलन के लिए दो-दो मोबाइल वैन उपलब्ध कराए हैं। इससे कुछ ही घंटों में पुख्ता साक्ष्य संकलन हो जा रहा है और लैब में उसकी जांच के बाद पीड़ित को सहज और सुगम न्याय मिल जाएगी। अब कोई भी अपराधी बच नहीं पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले साक्ष्य इकट्ठे होने पर भी अच्छी फॉरेंसिक साइंस लैब के अभाव में अपराधी बच जाते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गत वर्ष जुलाई से तीन नए कानून (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य संहिता 2023) लागू होने के बाद फॉरेंसिक साइंस लैब्स की उपयोगिता और बढ़ गई है।

नए कानून में सात वर्ष से अधिक कारावास वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य कर दिया है। इन कानूनों के लागू होने से काफी पहले ही यूपी सरकार ने लैब्स स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी थी। 

फॉरेंसिक साइंस लैब्स से रोजगार का सृजन भी होगा
सीएम योगी ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब्स से युवाओं के लिए नए रोजगार का सृजन भी होगा। इसके लिए सरकार ने लखनऊ में यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस की स्थापना की है। यहां लैब टेक्नीशियन के लिए सर्टिफिकेट, लैब में साक्ष्य मिलान करने वालों के लिए डिप्लोमा और विशेषज्ञ के लिए डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं।

फॉरेंसिक साइंस लैब्स नए समय में नए अपराधों को रोकने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराने के प्रयासों का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस में एडवांस डीएनए डायग्नोस्टिक, एआई, ड्रोन, रोबोटिक लैब उपलब्ध है। यहां नैनो से लेकर 40 किलो वजनी ड्रोन संचालित किए जा सकते हैं।

मॉडर्न पुलिस के लिए गेम चेंजर बनेगी फॉरेंसिक साइंस लैब
सीएम योगी ने बताया कि गोरखपुर में अपग्रेडेड फॉरेंसिक साइंस लैब में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी जो सटीक जांच करेंगी। यह लैब मॉडर्न पुलिस के लिए गेम चेंजर साबित होगी। त्वरित और पुख्ता जांच होने से लोगों को समय से सुसंगत न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का ही हिस्सा हैं। सरकार का लक्ष्य साइबर फॉरेंसिक को वैश्विक मानक तक ले जाने का है।
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