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Gorakhpur News: फेसबुक फ्रेंड बन साइबर ठग ने निवेश के नाम पर 11.15 लाख रुपये ठगे
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लंदन की बताने वाली साइबर ठग ने सेबी का लिंक और ग्रुप चैट दिखाकर बनाया भरोसा
कैंट निवासी पीड़ित प्राइवेट कर्मी ने साइबर थाने में दर्ज कराया केस
गोरखपुर। फेसबुक पर दोस्ती के बाद साइबर ठगों ने निवेश के नाम पर कैंट के सिंघड़िया सरवन नगर निवासी प्राइवेटकर्मी राजेश सिंह से 11.15 लाख की ठगी कर ली। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।
राजेश ने बताया कि बीते 29 जून को उन्हें नाओमी ग्रांट नामक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट फेसबुक पर मिली। उसने खुद को लंदन निवासी और बंगलूरू स्थित टीसीएस कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर बताया। कुछ दिन सामान्य बातचीत के बाद उसने कहा कि वह एशियन मार्केट सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड (एएमएसपीएल) में निवेश कर रोजाना 15 से 20 प्रतिशत तक मुनाफा कमाती है।
महिला रोज अपने मुनाफे के स्क्रीनशॉट भेजने लगी और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया। फिर उसने अपने निवेश सलाहकार नितीश झा का नंबर दिया। नितीश ने सेबी की वेबसाइट का लिंक भेजकर एएमएसपीएल के पंजीकरण की पुष्टि करने को कहा। लिंक सही लगने पर राजेश ने भरोसा कर लिया और ऑनलाइन ट्रेड अकाउंट खोल लिया। खाता खुलने के बाद राजेश को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें कई सदस्य रोजाना निवेश और मुनाफे के फर्जी स्क्रीनशॉट डालते थे। झांसे में आकर राजेश ने 6 जुलाई से 18 जुलाई 2025 के बीच 11.15 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए।
आरोप है कि इसके बाद ठगों ने सब्या इंफ्रा एंड लॉजिस्टिक्स नामक कंपनी के आईपीओ में निवेश का लालच दिया और डैशबोर्ड पर 58 लाख रुपये का फर्जी शेयर अलॉटमेंट दिखाया। राजेश ने जब पैसा निकालने की कोशिश की तो और भुगतान की मांग की गई। इन्कार करने पर उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया और सभी नंबर ब्लॉक कर दिए गए। इसके बाद उन्होंने साइबर सेल थाने में शिकायत दर्ज कराई।
कोट
प्राइवेटकर्मी की तहरीर पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जालसाजों के बैंक खातों की डिटेल निकलवाई जा रही है ताकि उन तक पहुंचा जा सके। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
सुधीर जायसवाल, एसपी क्राइम
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साइबर ठगी से बचने के उपाय ..
- अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट या मैसेज स्वीकार न करें।- जो व्यक्ति खुद को विदेशी या बड़ी कंपनी में कार्यरत बताता हो, उससे सावधानीपूर्वक बात करें।
- किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी सेबी, आरबीआई या एमसीए (कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय) वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण जांचें।
- केवल कंपनी की वेबसाइट या ठगों द्वारा भेजे लिंक पर भरोसा न करें। स्वयं सरकारी पोर्टल पर जाकर पुष्टि करें।
- अत्यधिक मुनाफे का वादा करने वाली योजनाओं से हमेशा दूरी बनाए रखें।
तकनीकी सुरक्षा उपाय अपनाएं
- अपने मोबाइल, ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2एफए) सक्रिय रखें।
- नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहें और किसी के साथ साझा न करें।
- किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसका यूआरएल ध्यान से जांचें, संदिग्ध लगे तो न खोलें।
- अगर ठगी हो जाए तो www.cybercrime.gov.in या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत शिकायत करें।
एक्सपर्ट की राय
ठग पहले भरोसा जीतते हैं, फिर तकनीकी ज्ञान का दुरुपयोग कर लोगों को फंसाते हैं। किसी भी लिंक, एप या निवेश प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत जानकारी या दस्तावेज अपलोड न करें। ठगी का शिकार होने पर देर न करें। पहले 2 घंटे सबसे अहम होते हैं।
रशीद खान, साइबर थानाप्रभारी
कैंट निवासी पीड़ित प्राइवेट कर्मी ने साइबर थाने में दर्ज कराया केस
गोरखपुर। फेसबुक पर दोस्ती के बाद साइबर ठगों ने निवेश के नाम पर कैंट के सिंघड़िया सरवन नगर निवासी प्राइवेटकर्मी राजेश सिंह से 11.15 लाख की ठगी कर ली। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।
राजेश ने बताया कि बीते 29 जून को उन्हें नाओमी ग्रांट नामक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट फेसबुक पर मिली। उसने खुद को लंदन निवासी और बंगलूरू स्थित टीसीएस कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर बताया। कुछ दिन सामान्य बातचीत के बाद उसने कहा कि वह एशियन मार्केट सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड (एएमएसपीएल) में निवेश कर रोजाना 15 से 20 प्रतिशत तक मुनाफा कमाती है।
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महिला रोज अपने मुनाफे के स्क्रीनशॉट भेजने लगी और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया। फिर उसने अपने निवेश सलाहकार नितीश झा का नंबर दिया। नितीश ने सेबी की वेबसाइट का लिंक भेजकर एएमएसपीएल के पंजीकरण की पुष्टि करने को कहा। लिंक सही लगने पर राजेश ने भरोसा कर लिया और ऑनलाइन ट्रेड अकाउंट खोल लिया। खाता खुलने के बाद राजेश को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें कई सदस्य रोजाना निवेश और मुनाफे के फर्जी स्क्रीनशॉट डालते थे। झांसे में आकर राजेश ने 6 जुलाई से 18 जुलाई 2025 के बीच 11.15 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए।
आरोप है कि इसके बाद ठगों ने सब्या इंफ्रा एंड लॉजिस्टिक्स नामक कंपनी के आईपीओ में निवेश का लालच दिया और डैशबोर्ड पर 58 लाख रुपये का फर्जी शेयर अलॉटमेंट दिखाया। राजेश ने जब पैसा निकालने की कोशिश की तो और भुगतान की मांग की गई। इन्कार करने पर उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया और सभी नंबर ब्लॉक कर दिए गए। इसके बाद उन्होंने साइबर सेल थाने में शिकायत दर्ज कराई।
कोट
प्राइवेटकर्मी की तहरीर पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जालसाजों के बैंक खातों की डिटेल निकलवाई जा रही है ताकि उन तक पहुंचा जा सके। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
सुधीर जायसवाल, एसपी क्राइम
साइबर ठगी से बचने के उपाय ..
- अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट या मैसेज स्वीकार न करें।- जो व्यक्ति खुद को विदेशी या बड़ी कंपनी में कार्यरत बताता हो, उससे सावधानीपूर्वक बात करें।
- किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी सेबी, आरबीआई या एमसीए (कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय) वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण जांचें।
- केवल कंपनी की वेबसाइट या ठगों द्वारा भेजे लिंक पर भरोसा न करें। स्वयं सरकारी पोर्टल पर जाकर पुष्टि करें।
- अत्यधिक मुनाफे का वादा करने वाली योजनाओं से हमेशा दूरी बनाए रखें।
तकनीकी सुरक्षा उपाय अपनाएं
- अपने मोबाइल, ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2एफए) सक्रिय रखें।
- नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहें और किसी के साथ साझा न करें।
- किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसका यूआरएल ध्यान से जांचें, संदिग्ध लगे तो न खोलें।
- अगर ठगी हो जाए तो www.cybercrime.gov.in या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत शिकायत करें।
एक्सपर्ट की राय
ठग पहले भरोसा जीतते हैं, फिर तकनीकी ज्ञान का दुरुपयोग कर लोगों को फंसाते हैं। किसी भी लिंक, एप या निवेश प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत जानकारी या दस्तावेज अपलोड न करें। ठगी का शिकार होने पर देर न करें। पहले 2 घंटे सबसे अहम होते हैं।
रशीद खान, साइबर थानाप्रभारी