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गोरखपुर विश्वविद्यालय: स्वदेशी ज्ञान को बढ़ावा देगा डीडीयू, लागू होगा इंडियन नॉलेज सिस्टम

संवाद न्यूज एजेंसी गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 23 Sep 2023 05:14 AM IST
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सार

नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा के छात्रों को उनके शैक्षणिक पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को लागू करने का निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी इसको लेकर पहल शुरू कर दी है।

Gorakhpur University will promote indigenous knowledge in Gorakhpur
DDU Gorakhpur - फोटो : अमर उजाला
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गोरखपुर विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रणाली (इंडियन नॉलेज सिस्टम) जल्द लागू करने पर विचार किया जाएगा। इसे लेकर कुलपति प्रो. पूनम टंडन और मिनिस्ट्री ऑफ हायर एजुकेशन की टीम के बीच बुधवार को बैठक की गई। जिसमें खगोल विज्ञान की वैदिक अवधारणाओं से लेकर प्लास्टिक सर्जरी, आयुर्वेद से योग तक भारतीय ज्ञान प्रणाली पर पाठ्यक्रम शुरू करने पर निर्णय लिया गया।

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युवाओं के बीच स्वदेशी भाषाओं और ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय ज्ञान प्रणाली को लागू किया जा रहा है। भारतीय ज्ञान प्रणाली प्राचीन काल से भारत में उच्च स्तर पर विकसित है। कुलपति और उच्च शिक्षा की टीम के बीच हुई बैठक में स्नातक एवं परास्नातक कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली से जुड़े पाठ्यक्रम पर विचार किया गया।
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इसे क्रेडिट पाठ्यक्रम में रूप में शुरू करने का निर्णय लिया गया है। छात्र को भारतीय ज्ञान प्रणाली में क्रेडिट पाठ्यक्रम लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इन पाठ्यक्रम के संचालन में एमएचआरडी वित्तीय सहयोग भी प्रदान करेगा। भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित इन नए पाठ्यक्रमों में फाउंडेशन और कुछ ऐच्छिक कोर्स हैं।

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ऐच्छिक कोर्स में भारतीय भाषा विज्ञान, भारतीय वास्तु शास्त्र, भारतीय तर्क, धातु शास्त्र आदि हैं। इनमें भारतीय ज्योतिषीय उपकरण, मूर्ति विज्ञान, बीज गणित, भारतीय वाद्य यंत्र, जल प्रबंधन भी हैं। फाउंडेशन कोर्स में वेदांग, भारतीय सभ्यता व साहित्य, भारतीय गणित, ज्योतिष, भारतीय स्वास्थ्य विज्ञान व भारतीय कृषि जैसे विषय शामिल होंगे।

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नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान को दिया जा रहा बढ़ावा

नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा के छात्रों को उनके शैक्षणिक पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को लागू करने का निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी इसको लेकर पहल शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत उच्च शिक्षा के छात्रों को उनके शैक्षणिक पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में खगोल विज्ञान की वैदिक अवधारणाओं से लेकर प्लास्टिक सर्जरी, आयुर्वेद से लेकर योग तक भारतीय ज्ञान प्रणाली पर पाठ्यक्रम लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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गोविवि कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रणाली (इंडियन नॉलेज सिस्टम) लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर मिनिस्ट्री ऑफ हायर एजुकेशन टीम के साथ बैठक की गई है। जल्द ही भारतीय ज्ञान प्रणाली को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
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