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Gorakhpur News: नन्ही बेटियां बन रहीं ताकतवर...ताइक्वांडो से सीख रहीं आत्मरक्षा के गुर- इन दिनों बढ़ गया क्रेज
संवाद न्यूज एजेंसी, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Tue, 13 May 2025 01:23 PM IST
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सार
ताइक्वांडो में अभी तक लड़के ही ज्यादातर देखने को मिलते थे। अब ट्रेनिंग सेंटर में लड़कों से ज्यादा लड़कियां देखने को मिल जाएंगी। प्रशिक्षक चंद्र प्रकाश ने बताया कि ताइक्वांडो की तरफ पिछले कुछ समय से लोगों का रुझान बढ़ा है। लड़कियां इसमें ज्यादा आगे आ रही हैं।

बशारतपुर के अल्युमीनियम फैक्टरी के पास स्थित योद्धा मार्शल आर्ट संस्थान में कराटे सीखते बच्चे
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार
ताइक्वांडो में नन्ही बेटियों को ताकतवर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। छोटी उम्र में उनके माता-पिता ताइक्वांडो के प्रशिक्षण के लिए भेज रहे हैं। लोगों का मानना है कि बेटियों को जितना जरूरी आत्मनिर्भर बनना है, उससे ज्यादा आत्म सुरक्षा के लिए मजबूत बनना है।
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शहर में ताइक्वांडो के लिए चार साल की उम्र से बच्चे ट्रेनिंग लेना शुरू कर दे रहे हैं। पांच साल तक पहुंचते-पहुंचते वे काफी हद तक प्रशिक्षित हो जा रहे हैं। ताइक्वांडो और मार्शल आर्ट्स में अब बेटियाें में इसके प्रति में काफी जुनून दिखाई दे रहा है।
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शाम के समय पंत पार्क, दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज, तारामंडल, बशारतपुर ताइक्वांडो सीखते हुए दिखाई भी देंगी। शहर में ताइक्वांडो का क्रेज इतना बढ़ गया है कि छोटी उम्र में ही बच्चे इसकी ट्रेनिंग शुरू कर दे रहे हैं।
शारीरिक रूप से स्वस्थ भी रहते हैं बच्चे :
ताइक्वांडो में अभी तक लड़के ही ज्यादातर देखने को मिलते थे। अब ट्रेनिंग सेंटर में लड़कों से ज्यादा लड़कियां देखने को मिल जाएंगी। प्रशिक्षक चंद्र प्रकाश ने बताया कि ताइक्वांडो की तरफ पिछले कुछ समय से लोगों का रुझान बढ़ा है। लड़कियां इसमें ज्यादा आगे आ रही हैं।
इससे बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं और इसमें लेवल बढ़ाकर आगे बड़ी प्रतियोगिता में हुनर दिखा सकते हैं। साथ ही ये भी बताया कि ट्रेनिंग के दौरान कम उम्र के बच्चों का खास ध्यान दिया जाता है। जैसे खानपान शारीरिक समस्या न हो और छोटे बच्चों को एक समय सीमा तक ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि उनकी पढ़ाई पर असर न पड़े।