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एसआईआर: 'पांच विधानसभा चुनावों में वोट डाला हूं...नाम कैसे कट गया?' पुराने मतदाताओं में BLO परेशान

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: रोहित सिंह Updated Mon, 17 Nov 2025 11:33 AM IST
सार

बेतियाहाता निवासी भागीरथी अपना नाम खोजने के लिए परेशान थे। वर्तमान और पुरानी मतदाता सूची में उनका नाम ही नहीं था। बहुत देर बाद झल्लाकर बोले, गजब तमाशा है। पिछले पांच चुनावों से मतदान करता आया हूं। मेरा नाम कैसे गायब हो गया। लेखपाल ने कहा, नाम कटा नहीं होगा बल्कि किसी और बूथ पर चला गया होगा।

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Problems are being faced during the SIR in Gorakhpur. Census papers are not reaching homes.
बेतियाहाता एक स्कूल में मतदाता पुनरीक्षण में अपना नाम खोजते लोग - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मैडम, बिटिया को मतदाता बनवाना है, मुझे फाॅर्म चाहिए। घर पर फॉर्म आया नहीं तो मैं ही आ गया। यह सुनते ही बीएलओ ने कहा कि नए मतदाता के लिए बाद में आइए...अभी पुराने में ही परेशान हैं। एसआईआर वाला काम पहले करने का निर्देश है।
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यह नजारा था बेतियाहाता स्थित मंगलादेवी सीनियर सेकंडरी स्कूल का, जहां मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के लिए कैंप लगाया गया था। सुबह 11 बजे से लगे इस कैंप में पूरे दिन लोग आते रहे। सबसे ज्यादा दिक्कत नाम खोजने की थी। इसमें भी जो लोग 2003 के पहले के मतदाता थे उनके लिए और दिक्कत बढ़ गई है। 
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रविवार को कुछ लोग वहां पहुंचकर गणना पत्र मांग रहे थे, बोले बीएलओ ने घर पर दिया ही नहीं। इस पर एक बीएलओ ने उन्हें बंडल थमा दिया और वे जमीन पर ही बैठकर अपना फॉर्म छांटने लगे। हालांकि, इस बीच बहुत सारे लोगों का नाम ऑनलाइन खोजकर बीएलओ, लेखपाल और पार्षद ने मदद की।

रुस्तमपुर के राकेश पांडेय अपने परिवार का नाम मतदाता सूची में खोज रहे थे। बहुत देर तक परेशान रहे फिर पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी के पास गए। उन्होंने लेखपाल रत्नेश सिंह को बुलाया। पता चला कि जिस निजी स्कूल पर बने बूथ पर वे मतदान करते थे वह बंद हो गया है। इसलिए उनका बूथ दूसरी जगह चला गया। राकेश से कहा गया, अब आप नए बूथ पर जाइए वहीं रिकॉर्ड मिलेगा।

दरअसल, बहुत सारे मतदाताओं की शिकायत रही कि उन्हें घर पर फाॅर्म ही नहीं मिला है। अब नाम खोजने के लिए दौड़ रहे हैं। वहीं, कुछ लोग असमंजस में थे कि उनकी पत्नी 2003 के बाद मतदाता बनी हैं। अब कहा जा रहा है कि पति नहीं पिता-माता का ईपिक नंबर चाहिए। फिर वे वापस लौट गए। बोले, अब बाद में देखा जाएगा।

पांच विधानसभा चुनावों में वोट डाला हूं...नाम कैसे कट गया?
बेतियाहाता निवासी भागीरथी अपना नाम खोजने के लिए परेशान थे। वर्तमान और पुरानी मतदाता सूची में उनका नाम ही नहीं था। बहुत देर बाद झल्लाकर बोले, गजब तमाशा है। पिछले पांच चुनावों से मतदान करता आया हूं। मेरा नाम कैसे गायब हो गया। लेखपाल ने कहा, नाम कटा नहीं होगा बल्कि किसी और बूथ पर चला गया होगा। नाम नोट करवा दें, खोजवाता हूं।
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