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यूपी: 27 महीने के संघर्ष के बाद राजेश से सोनिया पांडे बना था ये रेलवे कर्मचारी, कहानी भी है दिलचस्प

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: शाहरुख खान Updated Sat, 23 Sep 2023 01:05 PM IST
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सार

लिंग परिवर्तन के आधार पर पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में कार्यरत राजेश कुमार अब यहां सोनिया पांडे के नाम से नौकरी कर रही हैं। सोनिया ने महिला होने के अधिकार की लड़ाई 27 महीने तक लड़ी थी।

Railway Male Employee Rajesh Changed Gender Female Sonia Pandey After 27 months of struggle in Gorakhpur
राजेश पांडे बना सोनिया पांडे। - फोटो : अमर उजाला।
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उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में लिंग परिवर्तन का मामला भले ही पहली बार आया है, लेकिन रेलवे में मार्च 2020 में इस तरह का मामला सामने आ चुका है। 27 महीने के संघर्ष के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में कार्यरत राजेश कुमार को सोनिया पांडेय का दर्जा दे दिया गया था।
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राजेश उर्फ सोनिया पांडेय की कहानी भी दिलचस्प है। पिता रेलकर्मी थे, उनकी मृत्यु के बाद 2013 में मृतक आश्रित कोटे पर राजेश की नौकरी लग गई। इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनाती मिली। सोनिया की बड़ी चार बहने हैं। 
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सोनिया का कहना था कि मेरी मर्जी के खिलाफ 2012 में शादी हुई। मेरे अंदर महिलाओं जैसे व्यवहार आने लगे। पहले तो बहुत परेशान हुई, लेकिन निर्णय लिया कि लिंग परिवर्तन कराऊंगी। मैंने पत्नी को समझाया और हम मर्जी से अलग हो गए। पत्नी से तलाक लेने के बाद दिल्ली में डॉक्टर से मिली तो उन्होंने सर्जरी करवाकर लिंग परिवर्तन की सलाह दी। 

पहले तो घरवाले तैयार नहीं थे। उन्हें बहुत समझाना पड़ा। फिर समाज का ताना अलग से। लेकिन मैं टूटी नहीं। मानसिक रूप से खुद को मजबूत किया। इसमें दोस्तों ने मदद की। 10 दिसंबर 2017 को सर्जरी करवाकर वापस बरेली आ गई। 

लिंग परिवर्तन के लिए रेलवे में आवेदन किया। यह मामला मुख्यालय गोरखपुर महाप्रबंधक कार्यालय आया। यहां से रेलवे बोर्ड से सुझाव मांगा गया। रेलवे बोर्ड के सुझाव आने के बाद फरवरी 2018 में रेलवे ने राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग के रूप में महिला दर्ज कर दिया।

10 दिसंबर 2017 में करवा ली सर्जरी
सोनिया के मुताबिक पत्नी से तलाक लेने के बाद दिल्ली में सेक्सोलॉजिस्ट से मिली तो उन्होंने सर्जरी करवाकर लिंग परिवर्तन की सलाह दी। पहले तो घरवाले तैयार नहीं थे। उन्हें बहुत समझाना पड़ा। फिर समाज का ताना अलग से। लेकिन मैं टूटी नहीं। मानसिक रूप से खुद को मजबूत किया। इसमें दोस्तों ने मदद की। 10 दिसंबर 2017 को सर्जरी करवाकर वापस बरेली आ गई। फरवरी के पहले सप्ताह में रेलवे ने राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया।

मेडिकल बोर्ड से हुई राह आसान
सोनिया के मुताबिक मेडिकल बोर्ड की जांच से उनकी राह आसान हुई। पहले तो अधिकारियों ने मना कर दिया था। मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि उनमें भौतिक रूप से जेंडर डिस्फोरिया (एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह) है। ऐसा हार्मोन के बदलाव से होता है।

बैंक अकाउंट नहीं खुला
लिंग परिवर्तन के बाद सोनिया के सामने कई संकट खड़े हो गए। उनका बैंक अकाउंट, आधार कार्ड में राजेश पांडे नाम था। वे बताती हैं, मैं अपना पर्सनल बैंक अकाउंट खोलना चाहती थी। काफी कोशिश के बाद आधार कार्ड में नाम बदल गया है लेकिन मेरे एकाउंट वाले खाते में राजेश पांडे वाला आधार लिंक है। बैंक में जब आवेदन किया तो कैंसिल कर दिया गया। बताया गया कि एक ही फिंगर प्रिंट से दो नाम शो कर रहा है।
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