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बदल रहा है गोरखपुर: गोरखपुर जंक्शन का पुनर्विकास कार्य, सिटी सेंटर की तरह दिखेगा जल्द
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Fri, 22 Sep 2023 05:22 PM IST
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सार
15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन स्टेशन बन गया। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन से देश के अन्य महानगरों से जुड़ गया।

इस तरह दिखेगा गोरखपुर रेलवे स्टेशन।
- फोटो : अमर उजाला।

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विस्तार
गोरखपुर रेलवे जंक्शन को पुनर्विकसित कर विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्दी ही कार्यदायी संस्था भी नामित कर दी जाएगी। स्टेशन के पुनर्विकास कार्य पर 498 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। स्टेशन की नई डिजाइन एवं डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकृत हो चुकी है। बीते 7 जुलाई को प्रधानमंत्री ने इसकी आधारशिला रखी थी। स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
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गोरखपुर जंक्शन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं। इस स्टेशन से जिले के अलावा निकटवर्ती जनपदों देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज एवं पड़ोसी देश नेपाल के लोगों का आवागमन होता है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 93,000 यात्रियों का आवागमन होता है। इस स्टेशन से प्रतिदिन 91 जोड़ी यात्री ट्रेनें सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों के लिए चलाई जाती हैं। भविष्य में यहां 1,68,000 लोगों के प्रतिदिन आवागमन को ध्यान में रखते हुए खाका तैयार किया गया है।
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सिटी सेंटर के रूप में विकसित होगा स्टेशन
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर जं. स्टेशन के पुनर्विकास मॉडल में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत एवं वास्तुकला को भी शामिल किया गया है। वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण 5,855 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में होगा। प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17,900 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7,400 वर्ग मीटर में किया जाएगा।
10,800 वर्ग मीटर में रूफ प्लाजा होगा, जहां फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, एटीएम एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया जाएगा। रूफ प्लाजा से प्लेटफॉर्मों तथा प्रवेश एवं निकास द्वार पर 38 लिफ्ट, 22 एस्केलेटर लगाए जाएंगे। 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां बनाई जाएंगी।
10,800 वर्ग मीटर में रूफ प्लाजा होगा, जहां फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, एटीएम एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया जाएगा। रूफ प्लाजा से प्लेटफॉर्मों तथा प्रवेश एवं निकास द्वार पर 38 लिफ्ट, 22 एस्केलेटर लगाए जाएंगे। 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां बनाई जाएंगी।
स्टेशन परिसर में कंजेशन फ्री प्रवेश एवं निकास का प्रावधान किया जाएगा। दो मल्टी परपज वाणिज्यिक टॉवर बनाए जाएंगे। इसमें मल्टी लेवल कार पार्किंग, बजट होटल, कामर्शियल शॉप इत्यादि का प्रावधान होगा। प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टेशन से स्काई वॉक-वे से लिंक किया जाएगा। कार, टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स की पार्किंग क्षमता 427 से बढ़ाकर 838 की जाएगी। दोनों प्रवेश द्वार के सर्कुलेटिंग क्षेत्र में हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) विकसित की जाएगी। प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप कार्य के लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है।
138 साल पहले बना था गोरखपुर स्टेशन
15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन स्टेशन बन गया। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन से देश के अन्य महानगरों से जुड़ गया।
138 साल पहले बना था गोरखपुर स्टेशन
15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन स्टेशन बन गया। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन से देश के अन्य महानगरों से जुड़ गया।