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राजघाट पुल में आईं दरारें: एक पुल से ही आएंगी-जाएंगी गाड़ियां..बदली जाएगी बेयरिंग- 20 वर्ष बाद हो रही मरम्मत
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Wed, 24 Dec 2025 11:37 AM IST
सार
राप्ती नदी पर वर्ष 1965 में पुल का निर्माण कराया गया था। पुल के निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर कंक्रीट के टूटने से सरिया बाहर दिखाई दे रही है, जबकि जॉइंट रिप्लेसमेंट पर लगी कई बेयरिंग भी खराब पाई गई हैं। पुल की संरचनात्मक सुरक्षा को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के विशेषज्ञों से जांच कराकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कराई है।
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राजघाट राप्ती नदी पर निर्माणाधीन पुल
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
शहर के सबसे पुराने और व्यस्त राजघाट पुल में कुछ दरारें आ गई हैं। इसकी बेयरिंग भी खराब हो चुकी है। इसके चलते जब बड़ी गाड़ियां पुल से गुजर रही हैं तो झटका सा महसूस हो रहा है। करीब 20 साल बाद पुल की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने योजना तैयार की है। फरवरी में पुल की बेयरिंग बदली जाएंगी। इसके लिए कुछ दिनों तक राजघाट पुल पर आवागमन पूरी तरह से रोका जाएगा। इस दौरान यहां दो पुराने पुलों में से एक से ही होकर गाड़ियां आएंगी और जाएंगी।
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राजघाट राप्ती नदी पर निर्माणाधीन पुल का तिरछा पीलर
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
राप्ती नदी पर वर्ष 1965 में पुल का निर्माण कराया गया था। पुल के निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर कंक्रीट के टूटने से सरिया बाहर दिखाई दे रही है, जबकि जॉइंट रिप्लेसमेंट पर लगी कई बेयरिंग भी खराब पाई गई हैं। पुल की संरचनात्मक सुरक्षा को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के विशेषज्ञों से जांच कराकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कराई है।
रिपोर्ट के आधार पर फिलहाल पुल में आई दरारों को विशेष केमिकल से भरा जा रहा है। इस कार्य के लिए लखनऊ से अनुभवी कारीगर बुलाए गए हैं, जो कमजोर हो चुकी कंक्रीट को हटाकर नई तकनीक से मजबूती प्रदान कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, दरारों को भरने के बाद पुल की बेयरिंग बदलने का कार्य शुरू किया जाएगा, जो तकनीकी रूप से संवेदनशील प्रक्रिया है।
रिपोर्ट के आधार पर फिलहाल पुल में आई दरारों को विशेष केमिकल से भरा जा रहा है। इस कार्य के लिए लखनऊ से अनुभवी कारीगर बुलाए गए हैं, जो कमजोर हो चुकी कंक्रीट को हटाकर नई तकनीक से मजबूती प्रदान कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, दरारों को भरने के बाद पुल की बेयरिंग बदलने का कार्य शुरू किया जाएगा, जो तकनीकी रूप से संवेदनशील प्रक्रिया है।
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अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि बेयरिंग बदलने के दौरान पुल पर यातायात पूरी तरह बंद करना अनिवार्य होगा। खिचड़ी मेले और घने कोहरे को देखते हुए फरवरी में इस कार्य को शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। पुल पर यातायात कितने दिनों तक बंद रहेगा, इसके लिए विस्तृत ट्रैफिक प्लान तैयार किया जा रहा है ताकि आम जनता को कम से कम असुविधा हो।
राप्ती नदी स्थित राजघाट पुल
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दरारों में भर रहे केमिकल, बेयरिंग बदलने के बाद होगी लोड टेस्टिंग
अधिशासी अभियंता ने बताया कि एमएमएमयूटी के विशेषज्ञों की देखरेख में मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। जॉइंट रिप्लेसमेंट के साथ सभी खराब बेयरिंग बदली जाएंगी। इसके बाद पुल का लोड टेस्ट भी कराया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरम्मत के बाद पुल पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई तक राजघाट पुल की मरम्मत का कार्य पूरी तरह पूरा कर लिया जाएगा। मरम्मत के बाद पुल की उम्र और मजबूती दोनों में इजाफा होगा। लंबे समय से शहर की यातायात व्यवस्था की रीढ़ बने इस पुल को सुरक्षित रखने के लिए यह कार्य बेहद जरूरी है।
अधिशासी अभियंता ने बताया कि एमएमएमयूटी के विशेषज्ञों की देखरेख में मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। जॉइंट रिप्लेसमेंट के साथ सभी खराब बेयरिंग बदली जाएंगी। इसके बाद पुल का लोड टेस्ट भी कराया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरम्मत के बाद पुल पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई तक राजघाट पुल की मरम्मत का कार्य पूरी तरह पूरा कर लिया जाएगा। मरम्मत के बाद पुल की उम्र और मजबूती दोनों में इजाफा होगा। लंबे समय से शहर की यातायात व्यवस्था की रीढ़ बने इस पुल को सुरक्षित रखने के लिए यह कार्य बेहद जरूरी है।
