{"_id":"611aca1b8ebc3e42ec600ced","slug":"vantangia-ramganesh-who-returned-from-delhi-said-used-to-watch-on-tv-baba-made-the-dream-come-true-gorakhpur-city-news-gkp405752898","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"दिल्ली से लौटे वनटांगिया रामगणेश: बोले- टीवी पर देखते थे, 'बाबा' ने साकार किया सपना","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
दिल्ली से लौटे वनटांगिया रामगणेश: बोले- टीवी पर देखते थे, 'बाबा' ने साकार किया सपना
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Tue, 17 Aug 2021 09:48 AM IST
विज्ञापन
लालकिले पर समारोह में शामिल रामगणेश।(केसरिया पगड़ी में)।
- फोटो : अमर उजाला।
टीवी पर देखते थे। कभी सोचा नहीं था कि लाल किले पर प्रधानमंत्री के सामने वीआईपी दीर्घा में बैठकर स्वतंत्रता दिवस समारोह का साक्षी बनने का मौका मिलेगा। मगर ‘बाबाजी’ (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) की वजह से यह सपना साकार हो गया। यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, समूचे वनटांगिया समुदाय के लिए ऐतिहासिक पल रहा। ‘बाबाजी’ के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं बचे हैं।
Trending Videos
दिल्ली से लौटे वनटांगिया रामगणेश।
- फोटो : अमर उजाला।
वनटांगिया गांव से निकलकर दिल्ली के लालकिले के सामने आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह तक की अपनी यात्रा को साझा करते हुए वनटांगिया रामगणेश ने बताया कि वे 13 अगस्त को ट्रेन से नई दिल्ली रवाना हुए थे। 14 अगस्त को पहुंचने पर उन्हें ससम्मान यूपी भवन में ठहराया गया। 15 अगस्त को प्रात:काल यूपी सरकार के वाहन से लालकिले पहुंचे और वीआईपी दीर्घा में बैठकर स्वतंत्रता दिवस समारोह के साक्षी बने।
विज्ञापन
विज्ञापन
रामगणेश
- फोटो : अमर उजाला।
रामगणेश को देख जुट गई वनटांगियों की भीड़
सोमवार को जैसे ही रामगणेश अपने गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन पहुंचे, उनके यात्रा संस्मरण को सुनने के लिए भीड़ जुट गई। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उन्हें घेर लिया।
सोमवार को जैसे ही रामगणेश अपने गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन पहुंचे, उनके यात्रा संस्मरण को सुनने के लिए भीड़ जुट गई। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उन्हें घेर लिया।
सीएम योगी आदित्यनाथ व रामगणेश।
- फोटो : अमर उजाला।
रामगणेश ने भी विस्तार से अपने सफर को साझा किया और बीच-बीच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त करना नहीं भूले। बातचीत में उन्होंने कहा कि देश को आजादी भले ही 1947 में ही मिल गई थी, लेकिन वनटांगिया अपने बसावट काल 1918 से लेकर 2017 तक गुलामी की ही दशा में रहे।
विज्ञापन
वनटांगियों के साथ सीएम योगी।(फाइल)
- फोटो : अमर उजाला।
उन्हें तो वास्तविक आजादी तब मिली जब ‘बाबाजी’ (योगी आदित्यनाथ) मुख्यमंत्री बने। यह कहते हुए रामगणेश भावुक हो गए। कुछ क्षण की चुप्पी के बाद बोले जब हम आजाद ही नहीं थे तो आजादी के जश्न में शामिल होने की बात सपने में भी नहीं आती थी। मुख्यमंत्री ने सुध नहीं ली होती तो वनटांगिए अभी भी तमाम सुविधाओं से वंचित ही रहते। आज हम समाज व विकास की मुख्यधारा में शामिल होकर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तो इसका एकमात्र श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। बता दें कि लालकिले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदेश से जिन दस लोगों को विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया था, उनमें वनटांगियों की नुमाइंदगी रामगणेश ने की।