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The company and dealer were reprimanded for selling a defective e-rickshaw; the elderly woman will receive compensation.
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Ambala News: खराब ई-रिक्शा बेचने पर कंपनी और डीलर को फटकार, बुजुर्ग महिला को मिलेगा हर्जाना
अंबाला सिटी। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सेवा में कोताही बरतने पर ई-रिक्शा निर्माता और डीलर के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने एक 66 वर्षीय महिला की शिकायत पर फैसला सुनाते हुए विपक्षियों को वाहन दुरुस्त करने और मुआवजा देने का आदेश दिया है। जोगीवाड़ा निवासी रविंद्र कौर ने अपनी आजीविका कमाने के लिए मेसर्स चहल एंटरप्राइजेज (डीलर) से मेसर्स मनिता सिटी मोटर्स (निर्माता) का नया ई-रिक्शा खरीदा था, इसके लिए उन्होंने अपना पुराना रिक्शा बेचकर कुल 1,31,250 रुपये का भुगतान किया।
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खरीद के मात्र 15 दिनों के भीतर ही रिक्शा की मोटर और चेंबर में तकनीकी खराबी आ गई। आरोप है कि वारंटी होने के बावजूद डीलर ने नए पुर्जे लगाने के बजाय पुराने और मरम्मत किए हुए पुर्जे लगाए और इसके लिए पैसे भी वसूले। इसके बाद 24 अप्रैल 2024 को यह वाद उपभोक्ता आयोग में दायर किया गया था, जिसमें पीड़िता ने 1,66,250 रुपये की राशि का दावा और 18 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज की मांग की थी। इसके अलावा मानसिक प्रताड़ना के 50,000 रुपये की मांग की थी। विपक्षी कंपनियों ने तर्क दिया कि ई-रिक्शा का उपयोग व्यावसायिक कार्यों के लिए हो रहा था, इसलिए शिकायतकर्ता उपभोक्ता नहीं है। हालांकि, आयोग की अध्यक्ष नीना संधू और सदस्यों ने इस तर्क को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि स्वरोजगार के माध्यम से आजीविका कमाने के लिए खरीदा गया उत्पाद उपभोक्ता श्रेणी में ही आता है। आयोग ने विपक्षियों को आदेश दिया गया है कि वे ई-रिक्शा के खराब पुर्जों को नए पुर्जों से बदलकर उसे सड़क पर चलने योग्य स्थिति में सौंपेंगे। महिला को हुई मानसिक पीड़ा और प्रताड़ना के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को 3,000 रुपये मुकदमेबाजी खर्च के रूप में दिए जाएंगे। आयोग ने इन निर्देशों का पालन 45 दिनों के भीतर करने को कहा है, अन्यथा 8% वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
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