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Ambala News: अधिवक्ता को थाने में जूते चटवाने और निर्वस्त्र कर पंखा चलाने वाले दो पुलिस कर्मी नामजद

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 02:09 AM IST
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Two police officers have been named for making an advocate lick their shoes and fan him naked in the police station.
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अंबाला/मुलाना। घरेलू झगड़े के मामले में अधिवक्ता और उनके परिवार को थाने में अवैध रूप से हिरासत में रखने व अधिवक्ता को निर्वस्त्र कर सर्दी में पंखा चलाने व जूते चटवाने की यातनाएं देने के मामले में मुलाना थाने में दो मुलाजिम पर प्राथमिकी दर्ज हो गई है। अधिवक्ता रितेश की तहरीर पर मुलाना थाना पुलिस ने एएसआई प्रेम पाल व ईएएसआई सतपाल पर बीएनएस की नौ धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज है। हालांकि प्राथमिकी में मुलाना थाने के प्रभारी प्रमोद राणा, पुलिसकर्मी आदित्य, एएसआई मनजीत सिंह व पुलिस कर्मियों का जिक्र है। अन्य मुलाजिमों की संलिप्तता को लेकर डीएसपी बराड़ा सुरेश शर्मा जांच कर रहे हैं, इसके लिए पुलिस ने सात दिन का समय लिया है। उधर, अंबाला बार एसोसिएशन ने पुलिस मुलाजिमों पर प्राथमिकी दर्ज होने की मांग पूरी होने पर पिछले तीन दिनों से चल रहे कार्य बहिष्कार को खत्म कर दिया और काम पर लौट आए। इसके बाद कोर्ट का कामकाज पटरी पर लौट सका।
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सुरक्षा देने की बात बोलकर बुलाया था थाने, रिवाल्वर दिखा जूते भी चटवाए
अधिवक्ता रितेश का आरोप है कि रिश्तेदार के बीच आपसी झगड़े का मुलाना थाने में समझौता करवाया था, तभी सोनू पक्ष के लोगों ने उसी की रंजिश रखते हुए हमला कर दिया था। 12 दिसंबर की रात को घर के बाहर ललकारे मारकर गए थे तो मुलाना थाना पुलिस और अंबाला पुलिस अधीक्षक को फोन पर जान का खतरा होने की बात कही थी, तभी मुलाना थाना प्रभारी की गाड़ी में आए प्रेमपाल को सुरक्षा का हवाला देकर थाने बुला लिया था। आरोप लगाया कि प्रेमपाल शराब के नशे में था। 11 बजकर 30 मिनट पर वह थाने पहुंचे तो मुलाजिमों ने बदतमीजी शुरू कर दी। सभी के फोन लेेने के बाद पेंट उतरवाने के बाद सर्दी में पंखा चला दिया। जातिसूचक शब्द कहे, एएसआई प्रीतपाल ने रिवाल्वर निकालकर जबरन अपना जूता चटवाया।
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अधिवक्ता का आरोप कि थाना प्रभारी ने बेरोजगार बोलकर जमीन पर बैठाया
अधिवक्ता रितेश ने आरोप लगाया कि जैसे ही थाना प्रभारी प्रमोद आए तो उन्होंने जातिसूचक शब्द बोलते हुए गाली गलौज की। बोले- तू जमीन पर बैठ जा, तू सामने बैठने लायक नहीं। रिश्तेदारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया। आरोप लगाया कि मंजीत सिंह एएसआई ने तीन घंटे अवैध हिरासत में रखकर शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया। जबरन कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए।

सीसीटीवी खंगालने पर उजागर हुआ था सच
इस पूरे मामले में अंबाला बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता के संग खड़े होकर कोर्ट में वर्क सस्पेंड रखा। पुलिस अधीक्षक व डीएसपी बराड़ा से मिलने के बाद मुलाना थाने की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो यातनाएं देने का खुलासा हुआ। हालांकि वीडियो में ऑडियो नहीं थी लेकिन निर्वस्त्र व मारपीट करते मुलाजिम दिखाई दे रहे थे। अधिवक्ता ने पुलिस से सीसीटीवी फुटेज देने की भी मांग की है।

यह था पूरा मामला
अधिवक्ता रितेश की तहरीर में शिकायतकर्ता के रूप में पिता बाबू राम, भाई विशाल, सोमनाथ सिंह, बलजीत सिंह, संदीप व साहिल का जिक्र है। अधिवक्ता रितेश ने बताया कि वह अंबाला कोर्ट में 2022 से बतौर वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं। हमारे गांव में दो पक्षों के बीच जमीन के रास्ते का झगड़ा था। दोनों पक्ष रिश्तेदार होने के कारण मुलाना थाने में उनका राजीनामा करवा दिया था। उस समय यह सहमति बनी थी कि पहले पक्ष के चूहड़ सिंह की जमीन पर दूसरे पक्ष से सोनू व मींटू शातिंपूर्वक 11 फीट का रास्ता इस्तेमाल करेंगे। 12 दिसंबर को पहले पक्ष के चूहड़ सिंह के रास्ते के मुहूर्त पर वह गए हुए थे तभी दूसरे पक्ष से सोनू व अन्य ने मिलकर डंडों व रॉड से हमारे ऊपर जानलेवा हमला कर दिया था। इस बात को लेकर मुलाना पुलिस ने उलटा उन्हें ही थाने में बुलाकर यातनाएं दी थी।

इन धाराओं के तहत हुई कार्रवाई
धारा 115 - स्वेच्छा से चोट पहुंचाना, यह पीड़ितों को थप्पड़, लात व घूंसे मारने के आरोपों से संबंधित है ।
धारा 126 -127(2) - गलत तरीके से रोकना व बंधक बनाना, यह पीड़ितों को लगभग 3 घंटे तक अवैध हिरासत रूप से रखने के आरोपों पर लगाई गई है।
धारा 133 - किसी व्यक्ति को अपमानित करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना, यह विशेष रूप से अपमानजनक कृत्यों के लिए है।
धारा 198 व 199 - किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा कानून की अवज्ञा करना व गलत रिकॉर्ड तैयार करना।
धारा 296 - सार्वजनिक रूप से अश्लील कृत्य या शब्दों का प्रयोग करना
धारा 352 - शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना
धारा 51 - अपराध करने के प्रयास या उकसावे के लिए सजा

डीएसपी हेडक्वार्टर से चली घंटों बैठक के बाद वकीलों ने शुरू किया काम
अंबाला बार एसोसिएशन के प्रधान सतपाल सिंह व अन्य अधिवक्ता की बुधवार रात 9 बजे तक डीएसपी हेडक्वार्टर सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से बैठक हुई थी। अंबाला पुलिस अधीक्षक ने तीन दिन पहले ही दोनों मुलाजिम प्रेमपाल व सतपाल को लाइनहाजिर कर दिया था, लेकिन अधिवक्ता मुलाजिमों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए थे। इस संबंध में एसोसिएशन की तरफ से एडीजीपी के संज्ञान में मामला डाला था। रात को ही प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वर्क सस्पेंड खत्म कर काम पर लौटने का निर्णय लिया था। साथ ही पुलिस ने एसोसिएशन को इस मामले में संलिप्त अन्य मुलाजिमों की जांच करने के बाद सात दिन में निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
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