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Bhiwani News: घायल ने डेढ़ माह बाद तोड़ा दम, परिजनों ने शव के साथ एनएच किया साढ़े चार घंटे जाम
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Wed, 17 Sep 2025 02:11 AM IST
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जूई में दिल्ली पिलानी नेशनल हाईवे पर जाम लगा कर रोड के बीच बैठे ग्रामीण।
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जूई। जमीन विवाद में कातिलाना हमला करने के कारण डेढ़ माह पहले हुए घायल जूई खुर्द निवासी 29 वर्षीय करण सिंह ने आखिरकार रविवार रात दिल्ली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मंगलवार सुबह मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे 709 ई पर रख जाम लगा दिया। एसपी भिवानी सुमित कुमार ने मौके पर पहुंच ग्रामीणों व परिजनों को आश्वासन दिया कि सभी आरोपियों को जल्द पकड़ करण सिंह को न्याय दिलाने का काम करेंगे। इस पर परिजनों ने करीब साढ़े चार घंटे बाद जाम खोल शव को उठा उसका अंतिम संस्कार किया।
गांव जूई खुर्द निवासी करण सिंह, चचेरा भाई रजनीश का अपने सगे ताऊ के लड़के सज्जन, अवन व नरेश पहलवान का जमीन के लिए विवाद चल रहा था। इसी जमीन को लेकर पहले भी मारपीट हो चुकी थी। रंजिश इस हद तक बढ़ गई कि करण सिंह 28 जुलाई को जब खेत में बने मकान से घर आ रहा था तब रास्ते में स्कोर्पियो सवार युवकों ने कातिलाना हमला कर दिया। हमलावर करण सिंह को मृत समझकर मौके से भाग गए। इसके बाद करण सिंह को गंभीर घायल हालत में स्थानीय लोगों ने रोहतक पीजीआई पहुंचाया। मगर वहां से भी उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मृतक करण सिंह के बड़े भाई बीएसएफ जवान कृष्ण व चचेरे भाई रजनीश ने बताया कि हमला करने का आरोपी सज्जन सिंह सगे ताऊ का बेटा व मौसेरा भाई है। ये आरोपी अवैध कब्जा करने के पुराने खिलाड़ी हैं। ये लोग अदालत को भी गुमराह कर देते हैं। इसके अलावा इनकी पुलिस और सरकार के नेताओं के साथ पूरी सांठगांठ है। मंगलवार को शव जब गांव में पहुंचा तो गुस्साए परिजनों ने शव को एंबुलेंस से नीचे उतारा और उसे सड़क पर रखकर दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे पर ही टेंट लगाकर सुबह दस बजे बैठ गए। जिसकी वजह से नेशनल हाईवे पर वाहनों का लंबा जाम लगा। पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार के आश्वासन के बाद करीब ढाई बजे हाईवे का जाम खुला और परिजन शव को लेकर अंतिम संस्कार करने पर राजी हुए।
करण सिंह के काटने पड़े थे दोनों पैर
करण सिंह को रोहतक से रेफर कर दिल्ली निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां जाने के बाद उसके दोनों पैरों में लगी गंभीर चोटों के कारण करण सिंह के शरीर में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया। इसके चलते डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए उसके दोनों पैरों को काट दिया। उसके बाद से करण सिंह दिल्ली के अस्पताल में ही उपचाराधीन था। मगर रविवार देर शाम उसने वहां उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी जूई पुलिस के पास रविवार रात ही पहुंच गई थी। इसलिए पुलिस की एक टीम शव का पोस्टमार्टम कराने रात को ही दिल्ली रवाना हो गई थी।
सज्जन व अवन को मिली है प्रोसिडिंग स्टे
इस बारे में जूई कलां के थाना प्रभारी मुरारीलाल ने बताया कि इस मामले में आरोपी सज्जन व अवन को हाईकोर्ट से प्रोसिडिंग स्टे मिली हुई है जिस पर 23 सितंबर को सुनवाई है। उन्होंने बताया कि मामले में पुलिस अब तक हत्या प्रयास व योजना बनाने के आरोप में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उन्होंने बताया कि बाकी आरोपी भी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
करण सिंह के कातिल जल्द होंगे सलाखों के पीछे : सुमित कुमार
पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने जामस्थल पर मृतक करणसिंह के परिजनों व ग्रामीणों को आश्वासन देते कहा कि इस मामले में जो भी लोग साजिश रचने, रेकी करने, मारपीट करने, हमला करने में शामिल है किसी को भी नही बख्शा जाएगा। कर्णसिंह की हत्या के आरोपी कहीं हों जल्द पुलिस की जद में होंगे।

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गांव जूई खुर्द निवासी करण सिंह, चचेरा भाई रजनीश का अपने सगे ताऊ के लड़के सज्जन, अवन व नरेश पहलवान का जमीन के लिए विवाद चल रहा था। इसी जमीन को लेकर पहले भी मारपीट हो चुकी थी। रंजिश इस हद तक बढ़ गई कि करण सिंह 28 जुलाई को जब खेत में बने मकान से घर आ रहा था तब रास्ते में स्कोर्पियो सवार युवकों ने कातिलाना हमला कर दिया। हमलावर करण सिंह को मृत समझकर मौके से भाग गए। इसके बाद करण सिंह को गंभीर घायल हालत में स्थानीय लोगों ने रोहतक पीजीआई पहुंचाया। मगर वहां से भी उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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मृतक करण सिंह के बड़े भाई बीएसएफ जवान कृष्ण व चचेरे भाई रजनीश ने बताया कि हमला करने का आरोपी सज्जन सिंह सगे ताऊ का बेटा व मौसेरा भाई है। ये आरोपी अवैध कब्जा करने के पुराने खिलाड़ी हैं। ये लोग अदालत को भी गुमराह कर देते हैं। इसके अलावा इनकी पुलिस और सरकार के नेताओं के साथ पूरी सांठगांठ है। मंगलवार को शव जब गांव में पहुंचा तो गुस्साए परिजनों ने शव को एंबुलेंस से नीचे उतारा और उसे सड़क पर रखकर दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे पर ही टेंट लगाकर सुबह दस बजे बैठ गए। जिसकी वजह से नेशनल हाईवे पर वाहनों का लंबा जाम लगा। पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार के आश्वासन के बाद करीब ढाई बजे हाईवे का जाम खुला और परिजन शव को लेकर अंतिम संस्कार करने पर राजी हुए।
करण सिंह के काटने पड़े थे दोनों पैर
करण सिंह को रोहतक से रेफर कर दिल्ली निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां जाने के बाद उसके दोनों पैरों में लगी गंभीर चोटों के कारण करण सिंह के शरीर में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया। इसके चलते डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए उसके दोनों पैरों को काट दिया। उसके बाद से करण सिंह दिल्ली के अस्पताल में ही उपचाराधीन था। मगर रविवार देर शाम उसने वहां उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी जूई पुलिस के पास रविवार रात ही पहुंच गई थी। इसलिए पुलिस की एक टीम शव का पोस्टमार्टम कराने रात को ही दिल्ली रवाना हो गई थी।
सज्जन व अवन को मिली है प्रोसिडिंग स्टे
इस बारे में जूई कलां के थाना प्रभारी मुरारीलाल ने बताया कि इस मामले में आरोपी सज्जन व अवन को हाईकोर्ट से प्रोसिडिंग स्टे मिली हुई है जिस पर 23 सितंबर को सुनवाई है। उन्होंने बताया कि मामले में पुलिस अब तक हत्या प्रयास व योजना बनाने के आरोप में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उन्होंने बताया कि बाकी आरोपी भी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
करण सिंह के कातिल जल्द होंगे सलाखों के पीछे : सुमित कुमार
पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने जामस्थल पर मृतक करणसिंह के परिजनों व ग्रामीणों को आश्वासन देते कहा कि इस मामले में जो भी लोग साजिश रचने, रेकी करने, मारपीट करने, हमला करने में शामिल है किसी को भी नही बख्शा जाएगा। कर्णसिंह की हत्या के आरोपी कहीं हों जल्द पुलिस की जद में होंगे।