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Rohtak News: दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को एमडीयू नहीं दे रहा पाठ्य सामग्री
संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:36 AM IST
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रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन ओपन एंड डिस्टेंस व ऑनलाइन मोड में 20 से अधिक स्नातक व स्नातकोत्तर, सर्टिफिकेट प्रोग्राम चला रहा है। छात्रों से 10 से 27 हजार रुपये तक फीस ली जा रही मगर पढ़ाई का सबसे अहम सहारा ही समय पर उपलब्ध न होने रहा है।
दाखिला के समय छात्रों से 1,500 से 2,500 तक स्व अध्ययन सामग्री शुल्क लिया जाता है। एमडीयू ने एनईपी-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम लागू करने की घोषणा तो कर दी मगर इसके अनुरूप व्यवस्थित और पूरी पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों को नहीं उपलब्ध कराई। इससे दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा का उद्देश्य सवालों के घेरे में है।
चार महीने बीतने के बाद भी विद्यार्थियों को हार्ड या साॅफ्ट काॅपी पूरी नहीं मिल पाई है। वेबसाइट पर जैसे एमए पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान एनईपी के 4 पीडीएफ और एमए जेएमसी एनईपी के भी 3 पीडीएफ ही अपलोड किए गए हैं। अगर बात करें तो लगभग 40 प्रतिशत ही वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
दावा मजबूत, व्यवस्था कमजोर
विश्वविद्यालय के दस्तावेज कहते हैं कि हर छात्र को हार्ड या सॉफ्ट कॉपी में मैटीरियल दिया जाएगा मगर जमीनी हकीकत अलग दिख रही है। छात्रों का कहना है कि सामग्री या तो देर से मिली या पूरी नहीं मिली। दाखिला अगस्त में लिया पर अब तक वेबसाइट पर पीडीएफ पूरी नहीं डाली गई है। एनईपी-2020 के कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एडमिशन के समय छात्रों से एनईपी आधारित नए स्ट्रक्चर में भी छात्रों को भारी दिक्कतें आ रही हैं।
वेबसाइट के अनुसार बीए में करीब 387 छात्रों ने मल्टी डिसिप्लनरी कोर्स की गलत विषय च्वाइस कर दी क्योंकि कोर्स स्ट्रक्चर, विषय चयन प्रक्रिया और गाइडलाइंस को लेकर स्पष्ट व समय पर जानकारी नहीं दी गई। इससे जनवरी में होने वाली परीक्षा से पहले छात्रों की चिंता दोगुनी हो गई है।
ग्रेडिंग पर भी बहस
एमडीयू की नैक की अवधि मार्च 2024 में समाप्त हो गई थी। मान्यता समाप्त होने के बाद भी विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर गलत ए प्लस ग्रेड प्रदर्शित करता रहा। इसके चलते उस पर शैक्षणिक धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। 2019 में एमडीयू को नैक प्रदान किया गया था। यूजीसी ने शुरू में इस चूक के कारण एमडीयू को 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इससे कई छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया था। नैक ने एमडीयू को तीन महीने तक का अस्थायी विस्तार प्रदान किया है। इससे छात्रों और प्रशासन को कुछ राहत मिली है।
मामला मेरे संज्ञान में अभी आया है। जांच के आदेश दिए जाएंगे। छात्रों को जल्द ही वेबसाइट पर पूरा पीडीएफ मिलेगा। -आशीष दहिया, निर्देशक, जनसंचार, एमडीयू, रोहतक।
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दाखिला के समय छात्रों से 1,500 से 2,500 तक स्व अध्ययन सामग्री शुल्क लिया जाता है। एमडीयू ने एनईपी-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम लागू करने की घोषणा तो कर दी मगर इसके अनुरूप व्यवस्थित और पूरी पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों को नहीं उपलब्ध कराई। इससे दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा का उद्देश्य सवालों के घेरे में है।
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चार महीने बीतने के बाद भी विद्यार्थियों को हार्ड या साॅफ्ट काॅपी पूरी नहीं मिल पाई है। वेबसाइट पर जैसे एमए पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान एनईपी के 4 पीडीएफ और एमए जेएमसी एनईपी के भी 3 पीडीएफ ही अपलोड किए गए हैं। अगर बात करें तो लगभग 40 प्रतिशत ही वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
दावा मजबूत, व्यवस्था कमजोर
विश्वविद्यालय के दस्तावेज कहते हैं कि हर छात्र को हार्ड या सॉफ्ट कॉपी में मैटीरियल दिया जाएगा मगर जमीनी हकीकत अलग दिख रही है। छात्रों का कहना है कि सामग्री या तो देर से मिली या पूरी नहीं मिली। दाखिला अगस्त में लिया पर अब तक वेबसाइट पर पीडीएफ पूरी नहीं डाली गई है। एनईपी-2020 के कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एडमिशन के समय छात्रों से एनईपी आधारित नए स्ट्रक्चर में भी छात्रों को भारी दिक्कतें आ रही हैं।
वेबसाइट के अनुसार बीए में करीब 387 छात्रों ने मल्टी डिसिप्लनरी कोर्स की गलत विषय च्वाइस कर दी क्योंकि कोर्स स्ट्रक्चर, विषय चयन प्रक्रिया और गाइडलाइंस को लेकर स्पष्ट व समय पर जानकारी नहीं दी गई। इससे जनवरी में होने वाली परीक्षा से पहले छात्रों की चिंता दोगुनी हो गई है।
ग्रेडिंग पर भी बहस
एमडीयू की नैक की अवधि मार्च 2024 में समाप्त हो गई थी। मान्यता समाप्त होने के बाद भी विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर गलत ए प्लस ग्रेड प्रदर्शित करता रहा। इसके चलते उस पर शैक्षणिक धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। 2019 में एमडीयू को नैक प्रदान किया गया था। यूजीसी ने शुरू में इस चूक के कारण एमडीयू को 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इससे कई छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया था। नैक ने एमडीयू को तीन महीने तक का अस्थायी विस्तार प्रदान किया है। इससे छात्रों और प्रशासन को कुछ राहत मिली है।
मामला मेरे संज्ञान में अभी आया है। जांच के आदेश दिए जाएंगे। छात्रों को जल्द ही वेबसाइट पर पूरा पीडीएफ मिलेगा। -आशीष दहिया, निर्देशक, जनसंचार, एमडीयू, रोहतक।