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Yamuna Nagar News: चेक बाउंस मामले के दोषी को एक साल का कारावास
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर
Updated Sat, 20 Dec 2025 01:38 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। एडीजे नंदिता कौशिक ने चैक बाउंस के मामले में अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। इस मामले में तत्कालीन जेएमआईसी अश्वनी गुप्ता ने दोषी को एक साल की कैद की सजा सुनाई थी। शिकायतकर्ता/ प्रतिवादी सतबीर ने आरोपी/अपीलकर्ता कर्मबीर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
यह शिकायत कर्मबीर द्वारा 19 नवंबर 2015 को नकद लिए गए 4,30,000 रुपये की रकम चुकाने के लिए जारी किए गए चेक के संबंध में थी। शिकायतकर्ता सतबीर और आरोपी कर्मबीर करीबी रिश्तेदार हैं। आरोपी ने 16 नवंबर 2015 को अपनी 2 बेटियों की सगाई और शादी की रस्मों के लिए 4,30,000 रुपये की वित्तीय सहायता के लिए शिकायतकर्ता से संपर्क किया था। 15 मई 2016 के बाद शिकायतकर्ता ने अपना एडवांस लेने के लिए कई बार आरोपी से संपर्क किया तो 31 मई 2016 को आरोपी ने चेक जारी कर दिया। 31 मई 2016 को जब शिकायतकर्ता ने उपरोक्त चैक पंजाब नेशनल बैंक, कैथल में पेश किया तो वह 1 जून 2016 को फंड अपर्याप्त टिप्पणी के साथ डिसऑनर हो गया।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने 14 जून 2016 को उसे लीगल नोटिस भेजा लेकिन उसका कोई असर आरोपी पर नहीं हुआ। इसके बाद सतबीर ने अदालत में इस्तगासा दायर कर दी। निचली अदालत ने दोनों पक्षों का सुनने के बाद कर्मबीर को एक साल कैद की सजा सुनाई। इसके खिलाफ कर्मबीर ने सेशन कोर्ट में अपील की। एडीजे नंदिता कौशिक ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को यथावत रखते हुए कर्मबीर को जेल भेजने के आदेश दिए हैं।
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कैथल। एडीजे नंदिता कौशिक ने चैक बाउंस के मामले में अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। इस मामले में तत्कालीन जेएमआईसी अश्वनी गुप्ता ने दोषी को एक साल की कैद की सजा सुनाई थी। शिकायतकर्ता/ प्रतिवादी सतबीर ने आरोपी/अपीलकर्ता कर्मबीर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
यह शिकायत कर्मबीर द्वारा 19 नवंबर 2015 को नकद लिए गए 4,30,000 रुपये की रकम चुकाने के लिए जारी किए गए चेक के संबंध में थी। शिकायतकर्ता सतबीर और आरोपी कर्मबीर करीबी रिश्तेदार हैं। आरोपी ने 16 नवंबर 2015 को अपनी 2 बेटियों की सगाई और शादी की रस्मों के लिए 4,30,000 रुपये की वित्तीय सहायता के लिए शिकायतकर्ता से संपर्क किया था। 15 मई 2016 के बाद शिकायतकर्ता ने अपना एडवांस लेने के लिए कई बार आरोपी से संपर्क किया तो 31 मई 2016 को आरोपी ने चेक जारी कर दिया। 31 मई 2016 को जब शिकायतकर्ता ने उपरोक्त चैक पंजाब नेशनल बैंक, कैथल में पेश किया तो वह 1 जून 2016 को फंड अपर्याप्त टिप्पणी के साथ डिसऑनर हो गया।
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इसके बाद शिकायतकर्ता ने 14 जून 2016 को उसे लीगल नोटिस भेजा लेकिन उसका कोई असर आरोपी पर नहीं हुआ। इसके बाद सतबीर ने अदालत में इस्तगासा दायर कर दी। निचली अदालत ने दोनों पक्षों का सुनने के बाद कर्मबीर को एक साल कैद की सजा सुनाई। इसके खिलाफ कर्मबीर ने सेशन कोर्ट में अपील की। एडीजे नंदिता कौशिक ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को यथावत रखते हुए कर्मबीर को जेल भेजने के आदेश दिए हैं।